हिराम पावर्स (Hiram Powers, 29 जून, 1805, वुडस्टॉक U.S — 27 जून, 1873, फ्लोरेंस, इटली) अमरीका का मूर्तिकार था।

हिराम पावर्स
द ग्रीक स्लेव (यूनानी गुलाम)

हिराम पावर्स कृषक पुत्र था और प्राय: जीवन पर्यंत संघर्षों में रहा। बाल्यावस्था में ही उसे अध्ययन छोड़कर किसी होटल में नौकरी मिल गई, पर गरीबी से त्रस्त, फटीचर जूतों और मैले कपड़ों के कारण उसे निकाल दिया गया। तत्पश्चात् एक जनरल स्टोर में क्लर्क और फिर एक कारखाने में मैकेनिक के बतौर काम मिला। इसी दौरान में मूर्तिशिल्प की जबर्दस्त ख्वाहिश उसमें जगी। अवकाश के क्षणों में उसकी अनवरत मूक साधना फलीभूत हुई और अंतत: रूपांकन की कला में वह बड़ा ही दक्ष और पारंगत हो गया। वाशिंगटन, फ्लोरेंस और इटली में उसने पर्याप्त ख्याति प्राप्त की। महाकवि दाँते के रहस्यमय प्रदेश के दृश्यों का चित्रांकन उसने बड़ी ही खूबी से किया। मूर्तियों में उसकी आवक्ष (बस्ट) मूर्तियाँ ही अधिकतर मिलती हैं - जैसे 'ईव' की प्रतिमा, यूनानी गुलाम, मछवाहा बालक तथा कैलिफोर्निया अमेरिका में स्फटिक महल के लिए निर्मित उसकी वे भव्य मूर्तियाँ जो समसामयिक कलाकारों की अग्रिम पंक्ति में उसे प्रतिष्ठित कर सकीं।