हीरेन गोहार्इं

मार्क्सवादी साहित्यिक आलोचक, कवि और सामाजिक वैज्ञानिक

हीरेन गोहार्इं असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना असमिया जातीय जीवंत महापुरुषीय परंपरा के लिये उन्हें सन् 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]

हीरेन गोहार्इं
पेशासाहित्यकार
भाषाअसमिया भाषा
राष्ट्रीयताभारतीय
विषयसमालोचना
उल्लेखनीय कामsअसमिया जातीय जीवंत महापुरुषीय परंपरा
  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.