हीरो एक पाकिस्तानी उर्दू फिल्म है, जिसमें मुख्य किरदार में वाहिद मुराद, बाबरा शरीफ, मुमताज़, अस्लम परवेज़, साक़ी, आदिल मुराद और नदीम हैं। इसका निर्माण वहीद ने ही किया था और इसका निर्देशन उनके करीबी मित्र इकबाल यूसुफ ने किया था। इस फिल्म के पूरा होने से पहले ही वाहिद मुराद की मौत हो जाती है।[1] इसके बाद इकबाल यूसुफ जी, वाहिद मुराद के पुराने दृश्यों को जोड़ कर इस फिल्म को पूरा कर लेते हैं। यह इनके मौत के 2 वर्षों के बाद 11 जनवरी 1985 को प्रदर्शित होती है।[2]

हीरो
निर्देशक इकबाल यूसुफ
लेखक वाहिद मुराद
निर्माता वाहिद मुराद
अभिनेता वाहिद मुराद
बाबरा शरीफ
मुमताज़
प्रदर्शन तिथियाँ
  • 11 जनवरी 1985 (1985-01-11)
लम्बाई
180 मिनट
देश पाकिस्तान
भाषा उर्दू

इस फिल्म से पहले वाहिद मुराद को कोई अच्छा किरदार नहीं मिल रहा था और न ही कोई अच्छी फिल्म मिल रही थी। इस कारण उन्होंने निर्णय लिया कि वे अपनी ही फिल्म का निर्माण करेंगे। इसके लिये उन्होंने अपने दोस्त इकबाल यूसुफ से बात की और उसे फिल्म का निर्देशन करने बोला। इस फिल्म कि कहानी वाहिद जी ने ही लिखी। उन्हें इस फिल्म से काफी आशा थी।[3]

फिल्माना

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फिल्म के निर्माण के दौरान वाहिद जी काफी तनाव में रहने लगे थे। उनका ऑपरेशन भी हुआ था। जिसके बाद उनका वजन काफी कम हो गया था। जो इस फिल्म में दिखाई भी देता है। बाबरा शरीफ ने बताया था कि फिल्म के दौरान वाहिद अपना संतुलन खो बैठे थे और नीचे गिर गए। इसके बाद इन्हें कई समय तक सांस लेने के बाद फिर से यह काम शुरू हो सका था। जुलाई 1983 में वाहिद के कार दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। जिससे उनके चेहरे में निशान पड़ जाता है। इसे ठीक करने के लिए वे कराची में जाते हैं। लेकिन फिल्म के पूरे होने के कुछ दिन पहले ही ऑपरेशन के एक दिन बाद ही उनकी मौत हो जाती है।[4]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 नवंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मार्च 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 17 जनवरी 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मार्च 2016.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 17 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मार्च 2016.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मार्च 2016.

बाहरी कड़ियाँ

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