हृदयेश एक हिन्दी लेखक थे। हृदयेश (हृदय नारायण मेहरोत्रा) का जन्म शाहजहाँपुर, उत्तरप्रदेश में सन १९३० में हुआ था। वो एक प्रसिद्ध लेखक (कथाकार एवं उपन्यासकार) रहे हैं। उनके लेखन की शुरुआत १९५१ में हुई। इनके १२ उपन्यास, एक आत्मकथा और लगभग दो दर्जन कहानी संग्रह प्रकाशित हुये। वे सन १९९३ में कथा-विधा के लिए ‘पहल’ सम्मान और फिर साहित्य भूषण सम्मान से नवाज़े गए[1]। ‘नए ज़माने के प्रेमचंद’ और ‘छोटे शहर के बड़े लेखक’[2][3]के नाम से जाने गए हृदयेश का देहांत ३१ अक्टूबर २०१६ को शाहजहाँपुर में हुआ।

  • गाँठ
  • हत्या
  • एक कहानी अंतहीन
  • सफेद घोड़ा काला सवार
  • सांड
  • पुनर्जन्म
  • दंडनायक
  • पगली घण्टी
  • क़िस्सा हवेली
  • चार दरवेश
  • शब्द भी हत्या करते हैं
  • जोखिम (आत्मकथा)
  • स्वस्थ-अस्वस्थ लोग

कहानी संग्रह

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  • छोटे शहर के लोग
  • अंधेरी गली का रास्ता
  • इतिहास
  • उत्तराधिकारी
  • अमरकथा
  • प्रतिनिधि कहानियाँ
  • नागरिक
  • रामलीला तथा अन्‍य कहानियाँ
  • सम्‍मान
  • जीवनराग
  • सन् 1920
  • उसी जंगल समय में
  • मेरी प्रिय कहानियाँ
  • दस प्रतिनिधि कहानियाँ
  • शुरूवात
  • प्रेम संबंधों की कहानियाँ
  • शिकार
  • कथा एक नामी घराने की
  • हृदयेश:कथा पंचक
  • हृदयेश:संकलित कहानियाँ
  • स्मृतियों के साक्ष्य (संस्मरण वृत्तांत)

इन्हें भी देखें

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  1. "लेखक हृदयेश का व्यक्तित्व HRIDYESH". www.hindisamay.com. अभिगमन तिथि 2020-12-20.
  2. "हृदयेश-छोटे शहर का बड़ा लेखक". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2020-12-20.
  3. "छोटे शहर का बड़ा लेखक हृदयेश". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2020-12-20.

बाहरी कडियाँ

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