हेइहे-तेंगचोंग रेखा (Heihe–Tengchong Line, 黑河-腾冲线) एक काल्पनिक रेखा है जो चीन को लगभग दो बराबर के भौगोलिक हिस्सों में बांटती है। यह उत्तर में हेइलोंगजियांग प्रान्त के हेइहे शहर से लेकर दक्षिण में युन्नान प्रान्त के तेंगचोंग शहर तक जाती है। इसकी अवधारणा को सबसे पहले १९३५ में चीनी जनसांख्यिक भूगोलज्ञ हू हुआनयोंग ने रखा था।

हेइहे-तेंगचोंग रेखा

१९३५ के आंकड़ों के अनुसार:

  • रेखा से पश्चिम में: ६४% क्षेत्रफल लेकिन केवल ४% जनसंख्या (१९३५)
  • रेखा से पूर्व में: ३६% क्षेत्रफल लेकिन ९६% जनसंख्या (१९३५)

२००२ में भी कुछ ऐसी ही परिस्थिति थी:

  • रेखा से पश्चिम में: ५७% क्षेत्रफल लेकिन केवल ६% जनसंख्या (२००२)[1][2]
  • रेखा से पूर्व में: ४३% क्षेत्रफल लेकिन ९४% जनसंख्या (२००२)[1][2]

रेखा से पूर्व में हान चीनी जाति के लोगों की बहुसंख्या है जबकि उस से पश्चिम में तिब्बतीउइग़ुर जैसे ग़ैर-चीनी समुदाय भारी मात्रा में हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Naughton, Barry (2007). The Chinese Economy: Transitions and Growth. Cambridge, Massachusetts: MIT Press. पपृ॰ 18–19. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-262-14095-0.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अप्रैल 2017.