हेनरी मोर (12 अक्टूबर 1614 - 1 सितम्बर 1687) एक अंग्रेज़ दार्शनिक थे। कैम्ब्रिज प्लेटोवादी स्कूल के दार्शनिकों में गिने जाने वाले मोर के माता-पिता काल्विनवादी ईसाई थे जबकि मोर स्वयं इस विचारधारा में विश्वास नहीं रखते थे। किंग्स स्कूल, ग्रान्थम और ईटन कॉलेज से शुरूआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1631 में वे क्राइस्ट कॉलेज कैम्ब्रिज में दाखिल हुए जहाँ से उन्होंने क्रमशः 1635 में बीए और 1639 में एमए की शिक्षा प्राप्त की और तुरंत बाद इसी कॉलेज में फ़ेलो नियुक्त हो गए।

Henry More

मोर एक तर्कवादी धर्मशास्त्री थे जिन्होंने उस ज़माने में रेने देकार्त द्वारा विकसित यान्त्रिकतावादी दर्शन की विशेषताओं का प्रयोग अमूर्त द्रव्यों की की सत्ता की व्याख्या हेतु करने का प्रयास किया। हालाँकि, बाद में उन्होंने कार्टेजियन द्वैतवाद को नकार दिया।

परवर्ती चिंतकों पर इनके कार्य के प्रभाव का प्रमाण राल्फ वाल्डो इमर्सन और मैडम हैलीना ब्लावाट्स्की द्वारा उन्हें उद्धृत किये जाने में देखा जा सकता है।

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