हेरा फेरी (2000 फ़िल्म)
हेरा फेरी सन् 2000 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य फिल्म है। यह प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित और नीरज वोरा द्वारा लिखित हास्य फिल्म है। इसमें अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, परेश रावल, तबु, ओम पुरी और गुलशन ग्रोवर ने अभिनय किया है।[1] यह फिल्म 1989 की मलयालम फिल्म रामजी राव स्पीकिंग की रीमेक है।
हरा फेरी | |
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फिल्म का पोस्टर | |
निर्देशक | प्रियदर्शन |
लेखक | सिद्दिकी व लाल |
निर्माता | ए जी नाडियावाला |
अभिनेता |
परेश रावल अक्षय कुमार सुनील शेट्टी तबु |
छायाकार | जीवा |
संपादक | एन गोपालकृष्णन |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
31 मार्च, 2000 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
यह हेरा फेरी शृंखला की पहली किस्त है। यह फिल्म 31 मार्च, 2000 को जारी हुई थी। इसे आलोचकों से मिश्रित समीक्षा मिली थी। पिछले कुछ वर्षों में, यह फ़िल्म एक क्लासिक में विकसित हुई है और इसे व्यापक रूप से अब तक की सर्वश्रेष्ठ भारतीय हास्य फ़िल्मों में से एक माना जाता है।[2]
संक्षेप
संपादित करेंफिल्म की शुरुआत घनश्याम उर्फ़ श्याम (सुनील शेट्टी) से होती है। वह गुड़गांव का एक युवक है जो बैंक में नौकरी की तलाश कर रहा है। कुछ साल पहले, इस बैंक में दुर्घटनावश आग लग गई थी और इस घटना में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। इसलिए नियम के अनुसार उसे नौकरी मिलनी चाहिए थी। हालाँकि एक और व्यक्ति भी था जो श्याम के पिता के कुछ मिनट बाद मर गया था और प्रबंधक (असरानी) चाहता था कि उस व्यक्ति की बेटी को नौकरी मिले। एक दिन, श्याम गलती से राजू (अक्षय कुमार) से टकरा जाता है। श्याम राजू को जेबकतरे समझ लेता है और उसका पीछा करना शुरू कर देता है। राजू अपनी ज़िन्दगी में कई समस्याओं का सामना कर रहा है। इस बीच, श्याम बाबूराव गणपतराव आप्टे (परेश रावल) नामक एक व्यक्ति के गैराज में जाता है। वह उससे किराए पर एक कमरा प्राप्त कर लेता है। श्याम को पता नहीं है कि राजू उसी घर में किराए पर रह रहा है। तीनों हास्यास्पद स्थितियों में पड़ जाते हैं, जिसमें आमतौर पर राजू श्याम को भड़काता है और जानबूझकर हंगामा खड़ा करने की कोशिश करता है। इसे बाबू भैया को हमेशा सुलझाना पड़ता है।
ऐसी ही एक लड़ाई के दौरान, अनुराधा शिवशंकर पणिकर (तबु) नाम की एक लड़की आती है और श्याम को अनापत्ति प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मनाने की कोशिश करती है। ताकि उसे बैंक में नौकरी मिल सके। श्याम ऐसा करने से इनकार कर देता है। लेकिन राजू उसे अनजाने में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लेता है। श्याम को अंततः ये पता चल जाता है। यही वह समय है जब दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता अपने चरम पर पहुँच जाती है। इसी बीच श्याम का पुराना दोस्त खड़क सिंह (ओम पुरी) उसके घर आता है और अपने पैसे वापस मांगता है। श्याम को पता चलता है कि राजू इंजीनियर बनकर अपनी माँ को धोखा दे रहा है। इस बीच, अनुराधा अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा तैयार करती है और श्याम को दे देती है। लेकिन वह उसे फाड़ देता है। बाद में, वह राजू से भिड़ जाता है जो बताता है कि वह बस अपनी विधवा माँ (सुलभा आर्या) को खुश देखना चाहता है। तीनों की ज़िंदगी में अप्रत्याशित मोड़ तब आता है जब उन्हें कबीरा (गुलशन ग्रोवर) का फ़ोन आता है। कबीरा नामक आतंकवादी श्याम को देवी प्रसाद समझकर बताता है कि उसकी पोती रिंकू का अपहरण कर लिया है। वह फिरौती की मांग करता है। कबीरा और श्याम के बीच चल रही पूरी बातचीत को सुनकर राजू एक चाल चलने का फैसला करता है। इस खेल में श्याम अपहरणकर्ता बनकर देवी प्रसाद को कॉल करता है और फिरौती की दोगुनी रकम मांगता है। इससे उनकी आर्थिक समस्या हल हो जाएगी। श्याम और बाबू भैया शुरू में इस विचार को ठुकरा देते हैं, लेकिन आखिरकार राजू के समझाने पर मान जाते हैं। बाद में, कबीरा उन्हें सूचित करता है कि फिरौती की रकम दोगुनी कर दी गई है। इसके परिणामस्वरूप तीनों देवी प्रसाद को फिर से कॉल करते हैं और फिरौती की फिर दोगुनी रकम मांगते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- परेश रावल — बाबूराव गणपतराव आपटे "उर्फ़" बाबू भैया
- अक्षय कुमार — राजू
- सुनील शेट्टी — घनश्याम तिवारी "उर्फ़" श्याम
- तबु — अनुराधा शिवशंकर पणिकर
- असरानी — बैंक मैनेजर
- गुलशन ग्रोवर — कबीरा
- कुलभूषण खरबंदा — देवीप्रसाद
- ओम पुरी — खडक सिंह
- कश्मीरा शाह — कबीरा गिरोह की सदस्या
- दिनेश हिंगू — चमन जिंघा
- नम्रता शिरोडकर — मिस चिंगा, विशेष भूमिका
- मुकेश खन्ना — पुलिस कमिशनर प्रकाश
- रज़ाक ख़ान — कबीरा गिरोह का सदस्य
- मुशताक ख़ान — देवीप्रसाद का नौकर
- सुलभा आर्या — राजू की मां
संगीत
संपादित करेंसभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "देनेवाला जब भी" (अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी व परेश रावल पर चित्रित) | अभिजीत, विनोद राठौड़, हरिहरन | 6:50 |
2. | "हंबा लीला" (अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, परेश रावल व तबु पर चित्रित) | अभिजीत, विनोद राठौड़, हरिहरन | 4:26 |
3. | "जब भी कोई हसीना" (अक्षय कुमार पर चित्रित) | केके | 6:40 |
4. | "मैं लड़का पो पो" (सुनील शेट्टी व तब्बू पर्दे पर चित्रित) | अभिजीत, कविता कृष्णमूर्ति | 6:12 |
5. | "मुझसे मिलती है" (फ़िल्म में नहीं है) | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 6:00 |
6. | "तुन तुनक तुन" (अक्षय कुमार व नम्रता शिरोडकर पर चित्रित) | ऋचा शर्मा | 7:06 |
7. | "सुन ज़रा" (फ़िल्म में नहीं है) | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 7:09 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंवर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2001 | परेश रावल | स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | जीत |
आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | जीत | ||
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | जीत | ||
बॉलीवुड मूवी पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता | जीत |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "पहले दिन नहीं बिका था 1 भी टिकट, डिजास्टर कहलाई फिल्म, फिर हुआ ऐसा करिश्मा, बॉक्स ऑफिस पर दनादन हुई कमाई". News18 हिंदी. 21 जून 2024. अभिगमन तिथि 4 सितम्बर 2024.
- ↑ "Paresh Rawal says Phir Hera Pheri became 'classic case of overkill', talks about 3rd part. Interview". इण्डिया टुडे (अंग्रेज़ी में). 31 मार्च 2022. अभिगमन तिथि 4 सितम्बर 2024.