ह्यगेनो (Huguenots) एक नृजातीय-धार्मिक समूह है जो १६वीं-१७वीं शदी के दौरान फ्रांस के प्रोटेस्टैण्ट सुधार चर्च के सदस्य थे।

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व्युत्पत्ति की दृष्टि से ह्य गेनो संभवत: एक जर्मन शब्द आइडगेनोस्सेन (Eidgenossen) से संबंधित हैं, जेनेवा में १६वीं शताब्दी में आइडगेनोस्सेन का एक विकृत रूप अर्थात् एगुनो (Eiguenots) प्रचलित था जो ह्य गेनो से मिलता जुलता है। सन् १५६० ई. के बाद फ्रांस के प्रोटेस्टैंट धर्मावलंबियों के लिए ह्यू गेनो शब्द ही सामान्यत: होने लगा था।

धार्मिक दृष्टि से कैलविन ने फ्रांस के प्रोटेस्टेंटों पर गहरा प्रभाव डाला है किंतु ह्यू गेनो एक राजनीतिक दल भी था जो कास्पार डे कोलिग्रनी के नेतृत्व में समस्त फ्रांस में फैलकर अत्यंत प्रभावशाली धन गया। २४ अगस्त, १५७२, को बहुत से अन्य ह्यू गेनो नेताओं के साथ दे कोलिग्नी की हत्या कर दी गई (यह घटना मेसेकर ऑव सेंट बरथोलोम्यू के नाम से विख्यात है) किंतु इससे प्रोटेस्टैंट आंदोलन समाप्त नहीं हुआ और संघर्ष चलता रहा।

सन् १५९८ ई. में नैंट (Nantes) की राजाज्ञा के फलस्वरूप ह्य गेनो लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता मिली। उस समय फ्रांस में १२% प्रोटेस्टैंट थे। राजा लुइ चौदहवें ने सन् १६८५ ई. में नैंट की राजाज्ञा रद्द करके ह्यू गनों लोगों को नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया। ये बड़ी संख्या में हॉलैंड आदि प्रोटेस्टैंट देशों में प्रवासी बन गए। जो फ्रांस में रह गए उनपर बहुत अत्याचार हुआ जिससे वे प्राय: देहातों में छिप गए। सन् १७८७ ई. में ही इनको फिर नागरिक अधिकार दिए गए। आजकल फ्रांस में दो प्रतिशत लोग प्रोटैस्टेंट हैं जिनमें से ५/८ कैलविनिस्ट और ३/८ लूथरन हैं।