ह्रासक प्रतिपुष्टि प्रवर्धक

ह्रासक प्रतिपुष्टि प्रवर्धक (negative-feedback amplifier) उस इलेक्ट्रानिक प्रवर्धक को कहते हैं जिसके इनपुट में से उसके आउटपुट का एक अंश घटाकर फिर उसे प्रवर्धित किया जाता है। [1] अर्थात इसमें ह्रासक प्रतिपुष्टि का उपयोग किया जाता है। ह्रासक प्रतिपुष्टि के कारण इसका परफॉर्मैंस कई दृष्टियों से बेहतर हो जाता है, जैसे लब्धि स्थायित्व (गेन स्तैबिलिटी), रैखिकता, अधिक विस्तृत आवृति रिस्पॉन्स, बेहतर स्टेप रिस्पॉन्स, ताप आदि पर्यावरणीय प्राचलों के बदलने या निर्माण सम्बन्धी असमताओं के कारण आये संवेदनशीलता में कमी आती है। इन सभी लाभों के कारण अनेकों प्रवर्धक और नियंत्रण प्रणालियाँ ह्रासक प्रतिपुष्टि का उपयोग करतीं हैं।.[2]

आदर्श ह्रासक प्रतिपुष्टि प्रवर्धक
दो ट्रांजिस्टर वाले इस प्रवर्धक में ह्रासक प्रतिपुष्टि का उपयोग हुआ है। (Rf का उपयोग इसी काम के लिए किया गया है।

सामने के चित्र में एक आदर्श ह्रासक प्रतिपुष्टि प्रवर्धक का योजनामूलक चित्र दिया गया है। इसमें मुख्यतः तीन अवयव हैं-

  • प्रवर्धक जिसकी लब्धि AOL है,
  • प्रतिपुष्टि नेटवर्क β, जो आउटपुट सिगनल को मापता भी है और उसके एक अंश को इनपुट में घटाए जाने के लिए देता है।
  • संकलन परिपथ (summing circuit) जो इनपुट से आउटपुट का एक अंश घटाकर सिगनल देता है।
ह्रासक प्रतिपुष्टि के चार प्रकार ; Top left: current amplifier topology; top right: transconductance; bottom left: transresistance; bottom right: voltage-amplifier topology

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Santiram Kal (2004). Basic Electronics: Devices, Circuits, and IT fundamentals (Paperback संस्करण). Prentice-Hall of India Pvt Ltd. पपृ॰ 191 ff. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8120319523.
  2. Kuo, Benjamin C. & Farid Golnaraghi (2003). Automatic control systems (Eighth संस्करण). NY: Wiley. पृ॰ 46. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-471-13476-7.

इन्हें भी देखें संपादित करें