१३ मई २००८ जयपुर बम विस्फोट


13 मई, 2008 को जयपुर में शृंखलाबद्ध सात बम विस्फोट किए गए। विस्फोट १२ मिनट की अवधि के भीतर घनी आबादी वाले स्थलों पर किए गए। आठवाँ बम निष्कृय पाया गया। प्रारंभिक सूचनाओं में मृतकों कि संख्या ६० बताई गई थी।[1] इन विस्फोटों को हवा महल के निकट सहित विभिन्न इलाकों में साइकिलों के जरिये अंजाम दिया गया, जहाँ विदेशी पर्यटक आमतौर पर आते हैं। विस्फोटों के बाद काफी देर तक शहर की मोबाइल और टेलीफोन लाइनें जाम हो गईं, जिससे दूसरे शहरों में मौजूद लोग अपने परिजनों और रिश्तेदारों की खैरियत जानने के लिए परेशान होते रहे। ये धमाके त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार, माणक चौक, बड़ी चोपड़ और छोटी चोपड़ पर हुए। त्रिपोलिया बाजार में भी एक विस्फोट हुआ, जहाँ एक हनुमान मंदिर है और उस समय वहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। ये सभी धमाके दो किलोमीटर के दायरे में हुए। पुलिस ने कहा कि हनुमान मंदिर के निकट बम निरोधक दस्ते ने एक विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया है। मौके पर खून बिखरा पड़ा था। धमाके इतने शक्तिशाली थे कि कुछ लोगों के शव तो कुछ फीट ऊपर तक उड़ गए। हमले की साजिश काफी सावधानी पूर्वक रची गई थी। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक एएस गिल ने कहा कि निश्चित तौर पर यह आतंकवादी हमला था।

जयपुर बम विस्फोट
सांगानेरी गेट (चित्रित) लक्षित क्षेत्र में से एक है।
स्थान जयपुर, राजस्थान, भारत
तिथि १३ मई २००८
७:३० अपराह्न (यूटीसी+5.5)
मृत्यु ८०+
घायल १५०+

हूजी पर संदेह संपादित करें

जयपुर विस्फोटों के लिए प्रतिबंधित हरकत उल जेहादी (हूजी) पर शक किया जा रहा है, जो बांग्लादेश से अपनी गतिविधियाँ चलाता है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी के संकटमोचन हनुमान मंदिर, कानपुर, लखनऊ आदि स्थानों पर हुए बम धमाकों में भी हूजी का हाथ था। आतंकवादियों ने पहली बार गुलाबी नगरी को अपने नापाक मंसूबे का निशाना बनाया है।[2]

प्रतिक्रियाएँ संपादित करें

घरेलू प्रतिक्रियाएँ संपादित करें

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बम विस्फोटों की कडी भर्त्सना करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने यहां एक संदेश में निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर किए गए इन हमलों की निंदा करते हुए संकट की इस घडी में राजस्थान सरकार और विस्फोटों के शिकार हुए लोगों के परिजनों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।[3] श्रीमती पाटिल ने इन विस्फोटों की निन्दा करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया है[4]

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ संपादित करें

  •   पाकिस्तान - पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, यूसुफ रजा गिलानी, ने निम्नलिखित बयान जारी किया, "इस मार्मिक घटना से मुझे गहरा दुख हुआ है। मैं इश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुर्घटना में जिन लोगों की मौत हुई है उनकी आत्मा को शांति मिले और जो घायल हैं वे जल्द से जल्द स्वस्थ हों।"[5]

सन्दर्भ संपादित करें