कर्नल (कम्प्यूटर)

(Kernel (computer science) से अनुप्रेषित)

अभिकलन में कर्नल एक कम्प्यूटर प्रोग्राम होता है जो तन्त्रांश (software) के आगत/निर्गत का संचालन करता है और अभिकलित्र के लिए केंद्रीय प्रक्रमन एकक (सीपीयू) तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए उन्हें (आगत/निर्गत निर्देशों को) डाटा प्रोसेसिंग निर्देश में अनुवाद करता है। कर्नल आधुनिक अभिकलित्रों के प्रचालन तन्त्रों के लिए एक मूलभूत भाग है।[1]

कर्नल (कम्प्यूटर)

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कम्प्यूटर परिचालन तन्त्र (आपरेटिंग सिस्टम) का मुख्य भाग है कर्नल (गुठ्ली) इसके द्वारा हार्ड्वेयर के स्तर पर की जाने वाली वास्तविक डाटा प्रोसेसिंग तथा अनुप्रयोग अर्थात अप्लीकेशन के बीच सेतु का कार्य करता है इसका मुख्य कार्य साफ़्ट्वेयर तथाहार्डवेयर के बीच संचार स्थापित कर सिस्टम के सभी स्रोतों का आवश्यकतानुसार प्रयोग करना जिससे आवश्यक प्रक्रिया का पालन कर कार्य सुचारु रूप से किया जा सके। कर्नल के द्वारा अनुप्रयोग साफ़्टवेयर द्वारा किये जाने वाले कार्यों को आवरण प्रदान किया जाता है, (विशेष रूप से इनपुट आउट्पुट उपकरण को)।

विभिन्न आपरेटिंग सिस्टमों मे डिजाइन (अभिकल्प) तथा आवश्यकातानुसार कार्य सम्पादन विभिन्न प्रकार के कर्नल द्वारा किया जाता है। किन्तु मोनोलिथ कर्नल (एण्ड्राइड में प्रयुक्त होने वाला) मे आपरेटिंग सिस्टम कोड एक ही स्थान पर (एड्रेस स्पेस) परकार्य करते हैं जिससे कम स्थान होने पर भी अधिक कार्य किया जा पाता है। कर्नल का मुख्य कार्य है कि कम्प्यूटर के सभी स्रोतों का प्रबन्ध करे और प्रोग्रामों को चलाए और वे प्रोग्राम (अनुप्रयोग आदि) उन स्रोतों का सही तरह से उपयोग कर पाएं।

सी.पी यू. मे सभी प्रोग्राम चलते हैं तथा वहीं से कार्यों का सम्पादन और परिचालन होता है। यहाँ कर्नल का कार्य होता हैकि वह तय करे कि किसी समय विशेष पर चलने वाले अनेकों प्रोग्रामों में से उस समय विशेष पर कौन सा प्रोग्राम प्रोसेसर पर चलने दिया जाए

मेमोरी प्रबन्ध

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मेमोरी प्रबन्ध में भी कर्नल की प्रमुख भूमिका है यहाँ इसका काम है कि सुरक्षित रूप से ही मेमोरी में कोई डाटा पहुँचे। इसके लिये प्रायः वर्चुअल एड्रेसिंग प्रणाली का सहारा लिया जाता है जिसमें वर्चुअल एड्रेसिंग प्रणाली कर्नल को एक अतिरिक्त एड्रेस उपलब्ध कराती है, उस उपलब्ध कराए गए स्थान पर अनेक अलग अलग प्रक्रियाएं (प्रोसेस) सम्पन्न होती हैं। यहाँ पते (एड्रेस) अलग अलग प्रोग्रामों ले लिए अलग- अलग हो सकते हैं, इस प्रक्रिया मेंएक बार मे एक ही प्रोग्राम को चलने दिया जाता है जिस से अनुप्रयोग क्रैश होने से बचा रहता है। अनेक प्रणालियों में इसको वर्चुअल एड्रेस प्रणाली पर भिन्न -भिन्न सतहों पर वर्तमान डाटा को वर्तमान मेमोरी के स्थान पर अन्य स्थानों डाटा को स्टोर पर किया जाता है जैसे -हार्ड ड्राइव, अन्यथा वह रैम पर जगह घेरता, इस प्रकार कर्नल ऑपरेटिंग सिस्टम को और अधिक जगह (रैम मेमोरी) उपलब्ध करा पाता है जो उसकी उपलब्ध मेमोरी क्षमता से अधिक स्थान होता है इसके लिए सी. पी. यू. के इशारे पर कर्नल डिस्क के खाली स्थान पर उस डाटा को लिख कर छोड़ देता है और, आवश्यकता होने पर, वह प्रोग्राम पुनः वहीं से चल पड़ता है।


कर्नल एन्ड्राइड

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एन्ड्राइड लाइनेक्स कर्नल पर आधारित प्रणाली है जो मोबाइल हार्ड्वेयर से सीधे जुडकर ड्राइवर को नियमित रूप से मेमोरी पावर, नेटवर्क तथा विभिन्न अन्य अनुप्रयोगों से जुड़कर विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं को अंजाम देता हैं। वह पर्त या सतह है जिस पर डैलविक वर्चुअल मशीन तथाकोर लाइब्रेरियाँ चलती हैं और सम्पूर्ण प्लेट्फ़ार्म को नियमित और नियन्त्रित करने में सहायता करती है। कर्नल ओपेन सोर्स होने के कारण हैकरों तथा कम्प्यूटर प्रोग्रामों में रूचि रखने वालों को अपने प्रोग्राम बनाने में बढ़ावा देता है। इसी कारण कई बार इस तरह के उदाहरण सामने आते हैंकि जिन मूबाइल उपकरणों मे वैध एन्ड्राइड बन्डल नहीं हैं, उन पर भी इन्हे चलाया जा रहा है।

इन्हें भी देखें

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  1. Wulf 74 pp.337–345

बाहरी कड़ियाँ

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