खुजली त्वचा पर होने वाला अप्रिय अनुभूति (सेंसेसन) है जिसमें उस स्थान को बार-बार खुरचने का जी करता है।

पीठ पर खुजलाने की कोशिश करता एक व्यक्ति

खुजली चार प्रकार की होती है :-

1. बिना दानों के खुजली

2. दाने वाली खुजली

3. बिना दाने या दाने वाली खुजली के कारण खुजली के अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं। खुजली पूरी त्वचा, सिर, मुंखपांव अंगुलियों, नाक, हाथ या प्रजनन अंग आदि अंगों में हो जाती है। खुजली अधिकतर इन्हीं स्थानों पर होती है।

4. बिना दानों वाली या दानों वाली खुजली खुश्क या तर हो सकती है।

दाने या बिना दाने वाली खुजली भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में भिन्न भिन्न प्रकार की हो सकती हैं। कोई खुजली स्नान के बाद कम हो जाती है, कोई रात को कपड़े बदलते समय बढ़ जाती है, कोई गर्म सेंक से घटती है, कोई स्थान बदल देती है। एक जगह खुजली ठीक होती ही दूसरी जगह होने लगती है। किसी खुजली में खुजलाते खुजलाते खून निकलने लगता है।