गांधी जयंती
भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें बापू या महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है, के जन्म दिन २ अक्टूबर १८६९ को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वस्तुतः गांधीजी विश्व भर में उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।[1][2]
मनाने का कारण
संपादित करेंराष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने सत्य और अहिंसा के आदर्शों पर चलकर भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराया था। गांधी जयंती के रूप में उनके जन्मदिन मनाकर देश राष्ट्रपिता को श्रद्धासुमन अर्पित करतें हैं। आज के विद्यार्थियों एवं युवा पीढ़ी बापू के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाए तथा देश हित के लिए अपना योगदान दे। इसी उद्देश्य से गांधी जयंती का आयोजन किया जाता हैं। गांधी जयंती को हर भारतवासी को उल्लास से मनाना चाहिए।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अक्तूबर 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अक्तूबर 2015.
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