संज्ञा और उसके भेद

हिन्दी व्याकरण

संज्ञा एक नामकरण शब्द है, जिसका उपयोग किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार, या अवस्था को पहचानने, चिह्नित करने, या संदर्भित करने के लिए किया जाता है. जो वाक्यों में कर्ता या कर्म के रूप में भूमिका निभाते हैं. संज्ञा के पांच प्रकार होते हैं, जिनमें जातिवाचक संज्ञा (सामान्य नाम), व्यक्तिवाचक संज्ञा (विशिष्ट या अलग नाम), द्रव्यवाचक संज्ञा (मूर्त वस्तु: जिसे देखा या छुआ जा सके और जिसका उपयोग अन्य वस्तु को बनाने में किया जाता है), भाववाचक संज्ञा (विचार या गुण), और समूहवाचक संज्ञा (समूह या संग्रह) शामिल हैं.[1]

संज्ञा के पांच प्रकारों की सूची:-

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

2. जातिवाचक संज्ञा

3. समूहवाचक संज्ञा

4. द्रव्यवाचक संज्ञा

5. भाववाचक संज्ञा

समूहवाचक संज्ञा

जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।

यथा- परिवार, कक्षा, सेना, भीड़, पुलिस आदि।

द्रव्यवाचक संज्ञा

द्रव्यवाचक संज्ञा उस पदार्थ या कच्चे माल को संदर्भित करती है जिससे वस्तुएँ बनाई जाती हैं. यह मूर्त वस्तुओं की भौतिक संरचना पर जोर देता है, तथा उनके निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के बारे में  विवरण देता है. उदाहरणों में "लकड़ी," "धातु," और "काँच" शामिल हैं.

यथा - लोहा, तेल, घी, दाल, इत्यादि।

जातिवाचक संज्ञा

जिस शब्द से किसी प्राणी या वस्तु की समस्त जाति का बोध होता है,उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

यथा- घोड़ा, फूल, मनुष्य,वृक्ष आदि

व्यक्तिवाचक संज्ञा

जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

यथा- जयपुर, दिल्ली, भारत, रामायण, अमेरिका, राम, श्याम, अफ्रीका इत्यादि।

भाववाचक संज्ञा

भाववाचक संज्ञा जिस संज्ञा शब्द से किसी गुण , दोष , भाव , अथवा  दशा , का बोध होता हा , उसे भाववाचक संज्ञा कहते है , जैसे की - बचपन , जवानी , बुढ़ापा , भला , महता , सुन्दरता , मदुर्ता ,सत्य , कोमलता  आदि  |

  1. Team, HindiMadhyam: English Grammar and Translation. "Noun in Hindi: Meaning, Definition, Types and Examples". HindiMadhyam: English Grammar and Translation. अभिगमन तिथि 2024-03-08.