बद्री महराज (१८६८ -) भारत से फिजी ले जाये गये एक किसान, राजनेता तथा मानवतावादी व्यक्ति थे। वे फिजी की विधान समिति (लेजिस्लेटिव काउंसिल) के दो बार नामित सदस्य रहे (१९१६ से १९२३ तक ; १९२६ से १९२९ तक) किन्तु वे फिजी के भारतीयों के पहली पसन्द नहीं थे बल्कि मनिलाल डाक्टर नामक एक वकील को पसन्द करते थे। वे एक सिद्धान्तवादी व्यक्ति थे जिन्होने फिजी के भारतीयों पर 'पोल टैक्स' लगाये जाने को अनुचित मानते हुए इसके विरोधस्वरूप विधान समिति की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। वे कुछ मामलों में अपने समय से भी आगे थे। उन्होने भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था 'पंचायत' को लागू किये जाने का प्रस्ताव रखा, बाल विवाह का विरोध किया तथा शिक्षा के प्रसार पर बल दिया।

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बद्री महराज

वे आर्यसमाजी थे।

जीवन परिचय संपादित करें

उनका जन्म 1868 में भारत के उत्तराखण्ड में बद्रीनाथ के निकट बमोली गाँव में हुआ था। वे सन् 1889 में श्रमिक के रूप में फिजी लाये गये थे। अपने परिश्रम के बल पर वे एक सफल किसान बन गये।


सन्दर्भ संपादित करें