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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 03:55, 2 मई 2024 (UTC)उत्तर दें

मानव जीवन के लिए पक्षियों का संरक्षण बेहद जरूरी है संपादित करें

जिस तरह एक परिवार का भरण पोषण उसके मुखिया के द्वारा किया जाता है इसी प्रकार पक्षियों को भी अपने परिवार पालने का अधिकार प्रकृति में उन्हें सोम्पा है। मानव जीवन के आसपास रहकर यह पक्षी अपने परिवार कुटुंब का भरण पोषण करते हैं। यहां प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व बनता है कि उनके लिए कुछ अनाज व खाद्य पदार्थ हम उनके लिए भी छोड़े। भारतीय परंपराओं की अगर बात करें तो कालांतर से ही यहां लोग अपने घरों की छत के ऊपर परिंदों के लिए अनाज के दाने व पानी की व्यवस्थाएं करते हैं ताकि पक्षियों को उनके परिवार को पालने में आसानी हो। मान्यता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। साथ ही घर में सौहार्द व शांतिपूर्ण माहौल बना रहता है। पक्षी पूर्णतया मानव जीवन पर ही निर्भर है। खास तौर से देखा जाए तो भारत में मानव जीवन के आसपास रहने वाले परिंदों में गौरैया पक्षी, बुलबुल, कौवे, कबूतर, पैरोट सहित अनेक पक्षी न केवल साथ में जीवन जीते हैं बल्कि घरों में अपने घोंसले भी बनाते हैं। क्योंकि वे मानव प्रजाति के साथ अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। कौशल शर्मा (वार्ता) 04:16, 2 मई 2024 (UTC)उत्तर दें