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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 03:10, 21 जून 2017 (UTC)उत्तर दें

सकारात्मक मनोविज्ञान संपादित करें

सकारात्मक मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की एक शाखा है जिसमे मानव की शक्तियों और गुणों के अध्ययन पर एक पूर्ण और सार्थक जीवन में योगदान देने वाले कारकों के अध्ययन देती है। इस्के साथ पैथोलॉजी पर पारंपरिक ध्यान भी केंद्रित करती है। मार्टिन सेलिगमन, जिसे अक्सर सकारात्मक मनोविज्ञान के संस्थापक के रूप में जाना जाता है, वे इस इस विषय को इस प्रकार वर्णन करते है: "सकारात्मक मनोविज्ञान एक अनुकूलतम मानव कार्यप्रणाली का वैज्ञानिक अध्ययन हे, जिसका उद्देश्य उन कारकों को खोजता और बढ़ावा देता है, और जो व्यक्तियों एव्म समुदायों को बढ़ने की अनुमति देती हैं।"

 

सकारात्मक मनोविज्ञान का जन्म, वैज्ञानिक रूप से जीवन के सकारात्मक पहलुओं का अध्ययन करने की आवश्यकता से हुआ था। पिछले कुछ सालों में सकारात्मक मनोविज्ञान के सिद्धांत काफी विकसित हुए थे। शोध के विकास ने 'खुशी' और 'कल्याण' के निर्माण खंडों को उजागर किया था। कई अध्ययनों के माध्यम से, मार्टिन सेलिगमैन ने देखा के लोग किस हद तक अपनी "हस्ताक्षर शक्तियों" (जैसे: साहस, दृढ़ता या ज्ञान) के बारे में पता था और उनका उपयोग करने से उनकी जिंदगी की गुणवत्ता पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा। उन्होंने कई वर्ष बिताए अपने सिद्धांतों को प्रदर्शित करने में जिसे "परमा" मॉडल कहा गया था। मॉडल में 5५ तत्व शामिल थे, जो एक समृद्ध जीवन की नींव बनाया करते थे:

सकारात्मक भावनाएं संपादित करें

कार्य रिश्तों अर्थ उपलब्धियां   इन तत्वों में से प्रत्येक में तीन गुण हैं:

यह कल्याण के योगदान में महत्वपूर्ण है। लोग अपने तत्वों के लिए इसे आगे बढ़ाते हैं, न केवल अन्य तत्वों को प्राप्त करने के लिए। यह अन्य तत्वों से स्वतंत्र रूप से मापा और परिभाषित किया गया है।

सकारात्मक भावनाएं संपादित करें

सकारात्मक भावनाएं हमारी शारीरिक, बौद्धिक और सामाजिक क्षमताओं का निर्माण कर सकती हैं। सकारात्मक भावनाएं हमें काम पर बेहतर प्रदर्शन करने और रिश्तों को मजबूत करने में भी मदद करती हैं।

कार्य किसी भी कार्य करने में चरम एकाग्रता की प्रक्रिया।

रिश्तों इंसान एक दूसरे के साथ जुड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर्ते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि एक चीज जो खुश लोगों को प्रतिष्ठित करती है वह उनके रिश्तों की गुणवत्ता थी।

अर्थ जैसे सकारात्मक भावनाएं स्वस्थ जीवन के लिए निरंतर हैं, कल्याण की गहरी और धीमी भावना को बढ़ावा देने के लिए, हमें अर्थ तलाशने की आवश्यकता है।

उपलब्धियां अध्ययन लगातार दिखाती हैं कि जो लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में व्यक्तिगत रूप से शामिल होते हैं, वे उच्च स्वास्थ्य प्राप्त करते हैं। वो लोग, जिनके जीवन में दिशा की भावना नहीं है, उनकी तुल्ना में बेहतर स्वास्थ्य में हैं। उपलब्धि अक्सर अपने फायदे के पीछे जाती है, भले ही यह सकारात्मक भावनाओं, अर्थों या रिश्तों की गुणवत्ता में वृद्धि में अनुवाद न करे।

भविष्य की संभावनाएं संपादित करें

विश्व युद्ध २ के बाद आने वाली कई आलोचनाओं के बाद भी, मनोविज्ञान में सकारात्मक मनोविज्ञान अब एक बढ़ता हुआ क्षेत्र बन रहा है। धीरे ये विशय अब मनोविज्ञा मे शामिल हो रहा है।

[1] [2] [3]

  1. https://www.psychologytoday.com/us/basics/positive-psychology
  2. https://theconversation.com/is-positive-education-another-fad-perhaps-but-its-supported-by-good-research-99824
  3. https://greatergood.berkeley.edu/article/item/three_insights_from_the_frontiers_of_positive_psychology