अंडाकार आकाशगंगा किसी दीर्घवृत्ताभ (ऍलिप्सॉइड) आकार वाली आकाशगंगा को कहते हैं, जिसके हर भाग से लगभग बराबर की चमक आ रही हो। इनका आकार एक शुद्ध गोले से लेकर बहुत ही पिचके चपटे अंडे की तरह हो सकता है और इनमें दसियों करोड़ से लेकर दस खरब तारे हो सकते हैं। लेंसनुमा (लॅन्टिक्युलर, लेंस जैसी) और सर्पिल (स्पाइरल, सर्पिल आकार) आकाशगंगाओं के साथ, अंडाकार आकाशगंगाएँ हबल अनुक्रम की तीन मुख्य आकाशगंगाओं की श्रेणियां हैं।[1][2] अंडाकार आकाशगंगाओं में पुराने तारे होते हैं और इनका अंतरतारकीय माध्यम ("इन्टरस्टॅलर मीडयम") कम घना होता है। इनमें नवजात तारे कम ही मिलते हैं। हमारे इर्द-गिर्द के ब्रह्माण्ड में लगभग १०-१५% आकाशगंगाएँ इस श्रेणी की होती हैं, लेकिन पूरे ब्रह्माण्ड में इनकी प्रतिशत संख्या इस से कम मानी जाती है।

इस चित्र के बीच में बड़े आकार में ई॰ऍस॰ओ॰ ३२५-जी००४ आकाशगंगा नज़र आ रही है, जो एक अंडाकार आकाशगंगा है (इस तस्वीर में और भी आकाशगंगाएँ देखी जा सकती हैं)

अन्य भाषाओँ में संपादित करें

अंग्रेज़ी में "अंडाकार आकाशगंगा" को "ऍलिप्टिकल गैलॅक्सी" (elliptical galaxy) कहते हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. Hubble, E. P. (1936). The Realm of the Nebulae. New Haven: Yale University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 36018182 |isbn= के मान की जाँच करें: length (मदद).