अखेनातेन
फारो अखेनातेन (१३५१-१३३४ ईपू) मिस्र के १८वें वंश का था। उसने मिस्र के प्राचीन धर्म पर प्रतिबन्ध लगाया और केवल यकतापरस्तयानी एक खुदा जो आसमान ओर जमींनो का मालिक है की उपासना का आदेश दिया। अखेनातेन ने हजरत यूसुफ अ, स,पर ईमान लाया और एक ख़ुदा की परिस्थित की यूसुफ उनके नबिये खुदा थे {सुर्य की पूजा वाला यह गलत है } पाश्चात्य विद्वान विश्व का पहला एकेश्वरवादी मानते हैं। पहले इसका नाम अमेनहोतेप ४ था। पर नया धर्म चलाने के पश्चात इसने यह बदलकर अखेनातेन कर दिया।
नेफरतिति उसकी पहली पत्नी थी। मित्तानी राजकुमारी तदुक्षिपा उसकी दूसरी रानी बनी। एक अवधारणा यह है कि इसका धार्मिक परिवर्तन तदुक्षिपा के आगम की भ्रमित समझ पर आधारित था। सुभाष काक के अनुसार उसके सूर्य स्तोत्र और ऋग्वेद के सूर्य सूक्तों में महत्त्वपूर्ण सादृश्य है।[1]
अखेनातेन का सूर्य स्तोत्र बाइबल के पूर्वविधान (Old Testament) में १०४वें स्तोत्र के रूप में मिलता है।
उसकी मृत्यु पशचात उसके नये धर्म दबाया गया। कुछ विद्वान समझते हैं[2] कि मूसा ने इसी के विचारों को दुबारा उठाना चाहा।
अखेनातेन के उत्तराधिकारी
संपादित करेंउसके राज के अन्त में स्मेन्खरे जो उसका अर्ध-भ्राता अथवा पुत्र था सहसम्राट बना। कुछ और देर में पुत्र तुथंखमुन सम्राट बना।
सन्दर्भ
संपादित करेंबाह्य कडियां
संपादित करेंअखेनातेन से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
- "Finally a site on Akhenaten - forum and informaton"
- Akhenaten and the Hymn to the Aten
- "The City of Akhetaten
- A more detailed profile of Akhenaten
- A profile discussing his familial relations
- अखेनातेन का सूर्य स्तोत्र
- A Re-examination of the Long Coregency from the Tomb of Kheruef by Peter Dorman
- The Bible - Book of the Pharaohs
- "Moses and Akhenaten: The Secret History of Egypt at the Time of the Exodus"