डायोड एक बाइपोलार डिवाइस होता है मतलब इसमें निगेटिव और पोसिटिव दोने साइड होते हैं। इसमें एनोड ऋणात्मक (-) औरकैथोड धनात्मक (+) सिरों को दर्शाता है। डायोड में करंट के प्रवाह के लिए हमें उसे किसी वोल्टेज सोर्स से जोड़ना पड़ता है जैसे की बैटरी. जैसा की हम जानते हैं कि बैटरी में भी निगेटिव और पोसेटिव दोनों छोर होते हैं इसलिए डायोड को हम बैटरी के साथ दो तरह से जोड़ सकते हैं और इन तरीकों को हम बायसिंग कहते हैं। जब हम बैटरी के (+) को डायोड के (+) से और बैटरी के (-) को डायोड के (-) से जोड़ते हैं तो इसे फॉरवर्ड बायसिंग या अग्र अभिनत कहते हैं