अच्युतानन्द दास 16वीं सदी के कवि, द्रष्टा और उड़ीसा, के वैष्णव संत थे। कहते हैं कि उन्हें भूत, वर्तमान एवं भविष्य देखने की शक्ति प्राप्त थी। वे महान लेखक थे। वे उन पाँच व्यक्तियों में से थे जिन्होने संस्कृत ग्रन्थों का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करके पूर्वी भारत में आध्यात्मिक क्रान्ति ला दी। उनका ओड़िया भाषा में रचित ग्रन्थ "शून्यसंहिता" प्रसिद्ध है!

साहित्यिक कृतियाँ

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शून्यसंहिता

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रामदास के प्रश्न सुनकर अत्युतनन्द ने जो उपदेश दिया वे ही शून्यसंहिता में हैं।

महापुरुष अच्युतानन्द ने ३६ संहिता, ७८ गीता, २७ हरिबंशादि चरित, १२ उपबंश चरित, १०० पुराण या माळिका की रचना की। इनके अतिरिक्त उन्होने अनेक भजन चौपदी भी लिखे हैं। [1]

  • हरिबंश
  • आगत-भविष्य माळिका
  • जाईफुल माळिका
  • दशपटळ माळिका
  • कळियुग माळिका
  • Puran - भविष्य माळिका
  • गुरुभक्ति गीता
  • ब्रह्म एकाक्षर गीता
  • शून्य गीता
  • कैवर्त्त गीता
  • कळियुग गीता
  • गरुड़ गीता
  • उपदेशचक्र गीता
  • मणिबन्ध गीता
  • आदिब्रह्म गीता
  • आदिलिळा गीता
  • भक्तलीळा गीता
  • ज्ञानोदय कोइलि
  • डिबिडिबि कोइलि
  • बाखर कोइलि
  • शून्य संहिता
  • अणाकार संहिता
  • बट संहिता
  • अमरजुमर संहिता
  • छाया संहिता
  • अबाड़ संहिता
  • ज्योति संहिता
  • अनाहत संहिता
  • बीज संहिता
  • ब्रह्म संहिता
  • नित्य राहास
  • महानित्य राहास
  • शून्य राहास
  • ठुळशुन्य राहास
  • राधा रास
  • दुती राहास
  • बृन्दा राहास
  • परम राहास
  • अनन्त रास
  • पद्मबन रास
  • बर्ण टीका
  • कळ्प टीका
  • चन्द्रकळ्प टीका
  • पद्मकळ्प टीका
  • छयाळिश पटळ
  • चबिश पटळ
  • षोडश पटळ

अन्यान्य पद्यावली और ग्रन्थसमूह

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  • अष्ट गुजरी
  • नब गुजरी
  • तेरजन्म स्मरण
  • गोपाळङ्क ओगाळि ओ लउड़ि खेळ
  • पट्टा मड़ाण
  • चकड़ा मड़ाण
  • शिब कळ्प
  • शरण पञ्जर
  • तत्त्वबोधिनी
  • भाबनाबर
  • चौराशी यन्त्र
  • श्रीअणाकरब्रह्म यन्त्र
  • ब्रह्म शाङ्कुळि
  • अभय कबच

बाहरी कड़ियाँ

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