अजमल क़साब (पूरा नाम: मुहम्मद अजमल आमिर क़साब, उर्दू: محمد اجمل امیر قصاب‎, जन्म: १३ जुलाई १९८७ ग्राम: फरीदकोट, पाकिस्तान - फांसी: २१ नवम्बर २०१२ यरवदा जेल, पुणे) २६/११/२००८ को ताज़ होटल मुंबई पर वीभत्स हमला करने वाला एक पाकिस्तानी आतंकवादी था। मुहम्मद आमिर क़साब उसके बाप का नाम था। वह कसाई जाति का मुसलमान था। "क़साब" (قصاب‎) शब्द अरबी भाषा का है जिसका हिन्दी में अर्थ कसाई या पशुओं की हत्या करने वाला होता है। साधारणतया लोगबाग उसे अजमल क़साब के नाम से ही जानते थे।[4][5][6] क़साब पाकिस्तान में पंजाब प्रान्त के ओकरा जिला स्थित फरीदकोट गाँव का मूल निवासी था और पिछले कुछ साल से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त था। हमलों के बाद चलाये गये सेना के एक अभियान के दौरान यही एक मात्र ऐसा आतंकी था जो जिन्दा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस अभियान में इसके सभी नौ अन्य साथी मारे गये थे। इसने और इसके साथियों ने इन हमलों में कुल १६६ निहत्थे लोगों की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी थी।

अजमल क़साब

2008 के मुंबई हमलों के दौरान छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर क़साब।
जन्म मुहम्मद अजमल आमिर क़साब आतंकवादी
13 जुलाई 1987
फरीदकोट, ओकाड़ा, पंजाब, पाकिस्तान
मृत्यु 21 नवम्बर 2012(2012-11-21) (उम्र 25 वर्ष)
पुणे, भारत[1]
इरादा आतंकवाद
दोषसिद्धि हत्या
साज़िश
भारत के विरुद्ध युद्ध
विस्फोटकों को साथ रखना
सज़ा फांसी
स्थिति पुणे स्थित यरवदा केंद्रीय कारागार में २१ नवम्बर २०१२ को प्रात: ७ बजकर ३० मिनट पर फाँसी के द्वारा मृत्युदंड[2][3]
चित्र:Ajmal-qasab.jpg
अजमल क़साब (पाकिस्तानी इस्लामिक आतंकवादी)

पाकिस्तान सरकार ने पहले तो इस बात से इनकार किया कि क़साब पाकिस्तानी नागरिक है किन्तु जब भारत सरकार द्वारा सबूत पेश किये गये तो जनवरी २००९ में उसने स्वीकार कर लिया कि हाँ वह पाकिस्तान का ही मूल निवासी है।[7] ३ मई २०१० को भारतीय न्यायालय ने उसे सामूहिक ह्त्याओं, भारत के विरुद्ध युद्ध करने तथा विस्फोटक सामग्री रखने जैसे अनेक आरोपों का दोषी ठहराया।[8] ६ मई २०१० को उसी न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर मृत्यु दण्ड की सजा सुनायी। २६-११-२००८ को मुम्बई में ताज़ होटल पर हुए हमले में ९ आतंकवादियों के साथ कुल १६६ निरपराध लोगों की हत्या में उसके विरुद्ध एक मामले में ४ और दूसरे मामले में ५ हत्याओं का दोषी होना सिद्ध हुआ था। इसके अतिरिक्त नार्को टेस्ट में उसने ८० मामलों में अपनी संलिप्तता भी स्वीकार की थी।[9] २१ फ़रवरी २०११ को मुम्बई उच्च न्यायालय ने उसकी फाँसी की सजा पर मुहर लगा दी।[10] २९ अगस्त २०१२ को भारत के उच्चतम न्यायालय ने भी उसके मृत्यु दण्ड की पुष्टि कर दी।[11] बाद में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास भिजवायी गयी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा उसे अस्वीकार करने के बाद पुणे की यरवदा केन्द्रीय कारागार में २१ नवम्बर २०१२ को प्रात: ७ बजकर ३० मिनट पर उसे फाँसी दे दी गयी।[12]

राष्ट्रपति ने भी दया याचिका ठुकरायी

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ध्यान देने योग्य यह बात है कि २६/११ को हुए मुम्बई हमले के आरोपी अजमल क़साब की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने खारिज कर दी थी। अजमल क़साब उन दस पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था, जिन्होंने समुद्र के रास्ते मुम्बई में दाखिल होकर ताज़ होटल पर आतंकी हमले को अंजाम दिया था। २६ नवम्बर २००८ की रात को अजमल क़साब और नौ अन्य आतंकवादियों ने मुम्बई के दो होटलों, छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनल, कामा अस्पताल, लियोपोल्ड कैफे और कुछ अन्य स्थानों पर हमला किया था। इन हमलों में १६६ लोग मारे गये थे और ३०० से अधिक घायल हुए थे। बाद में सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में ९ आतंकी मारे गये जबकि अजमल क़साब जिन्दा पकड़ा गया।

मई २०१० में अजमल क़साब को मुम्बई की एक विशेष अदालत ने फाँसी की सज़ा सुनाई थी। क़साब को भारतीय दण्ड संहिता की चार धाराओं के अन्तर्गत फाँसी व एक अन्य धारा के अन्तर्गत उम्रकैद की सज़ा सुनायी गयी थी। विशेष अदालत के न्यायाधीश टहिलायनी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि क़साब एक किलिंग मशीन है और अगर उसके खिलाफ मौत की सज़ा नहीं सुनायी जाती है तो लोगों का न्याय से विश्वास ही उठ जायेगा। क़साब को हत्या, हत्या की साज़िश रचने, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और आपराधिक गतिविधि निरोधक कानून के तहत मौत की सज़ा सुनायी गयी थी। इससे पहले ३ मई २०१० को मुम्बई की आर्थर रोड जेल में बनी विशेष अदालत ने क़साब पर लगे ८६ आरोपों में से ८३ आरोपों को सही पाया था।

अजमल क़साब ने सितम्बर २०१२ में राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। इससे पहले २९ अगस्त को उच्चतम न्यायालय ने भी मामले को बेहद 'दुर्लभ' बताकर क़साब की फाँसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। न्यायमूर्ति आफताब आलम और सी० के० प्रसाद ने मुम्बई हमले में पकड़े गये एक मात्र जिन्दा आतंकी कसाब के बारे में कहा था कि कारागार में उसने पश्चाताप या सुधार के कोई संकेत नहीं दिये। वह खुद को नायक (हीरो) और देशभक्त पाकिस्तानी बताता था। ऐसे में न्यायालय ने माना था कि क़साब के लिये फाँसी ही एकमात्र सजा है।

फांसी के निर्णय में सोनिया गान्धी भागीदार नहीं

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एनडीटीवी इंडिया को दिये गये एक साक्षात्कार में भारत के गृह मन्त्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि अजमल क़साब की फाँसी का मामला इतना गोपनीय रखा गया कि उनकी कैबिनेट के किसी भी सदस्य को इसकी भनक तक नहीं लगने पायी। यहाँ तक कि प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को भी टेलीविजन के माध्यम से इसका पता चला। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी इस निर्णय में कोई योगदान नहीं था।[13] अगले ही दिन दैनिक जागरण के हवाले से यह खबर आयी कि प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गान्धी को अजमल क़साब की फाँसी की जानकारी न होने का बयान देकर गृह मन्त्री सुशील कुमार शिन्दे ने कांग्रेसियों की नाराजगी मोल ले ली है।[14]

  1. Mumbai gunman Kasab hanged on four year anniversary of attack. Business Week. http://www.businessweek.com/news/2012-11-20/mumbai-gunman-kasab-hanged-on-four-year-anniversary-of-attack. अभिगमन तिथि: 2012-11-21 
  2. Ajmal Kasab hanged today at 7:30 am (0200 GMT) today. oneindia. http://news.oneindia.in/2012/11/21/ajmal-kasav-executed-in-pune-jail-1102024.html. अभिगमन तिथि: 21 नवम्बर 2012 
  3. "Ajmal Kasab hanged at Pune's Yerawada Jail". Yahoo! News. मूल से 28 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवम्बर 2012.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  5. "Planned 9/11 at Taj: Caught Terrorist". Zee News. 29 नवम्बर 2008. मूल से 25 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2012.jug
  6. "'Please give me saline'". Bangalore Mirror. 29 नवम्बर 2008. मूल से 2 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2012.jug
  7. "Ajmal's Nationality Confirmed". Dawn (Pakistani Newspaper). 8 जनवरी 2009. मूल से 14 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 जनवरी 2012.jug
  8. Irani, Delnaaz (3 मई 2010). "Surviving Mumbai gunman convicted over attacks". बीबीसी न्यूज़. मूल से 5 मई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 मई 2010.jug
  9. "निरपराध लोगों की हत्या". ibnlive.in.com. मूल से 17 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित.jug
  10. "Kasab waged war against India: court". द हिन्दू. Chennai, भारत. 22 फ़रवरी 2011. मूल से 26 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2011.jug
  11. "26/11 terror attacks case: Ajmal Kasab's plea to spare life rejected by SC". द इंडियन एक्सप्रेस. 29 अगस्त 2012. अभिगमन तिथि 29 अगस्त 2012.jug
  12. "Ajmal Kasab hanged today at 7:30 am today". Mumbaivoice.com. मूल से 23 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवम्बर 2012.
  13. "सोनिया गांधी का भी इस निर्णय में कोई योगदान नहीं था". hindustantimes नई दिल्ली/Metro. November 22, 2012. पृ॰ 1. मूल से 19 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित.सीएस1 रखरखाव: तिथि और वर्ष (link)jug
  14. "गृह मन्त्री सुशील कुमार शिन्दे". दैनिक जागरण, नई दिल्ली. 23 नवम्बर 2012. पृ॰ 17. मूल से 27 सितंबर 2019 को पुरालेखित.सीएस1 रखरखाव: तिथि और वर्ष (link)jug

बाहरी कड़ियाँ

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