अजमेर जैन मंदिर
अजमेर का जैन मंदिर राजस्थान के अजमेर नगर में स्थित स्थापत्य कला की दृष्टि से एक भव्य जैन मंदिर है। इसे सोनीजी की णसियन के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण १९वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में हुआ। इसके मुख्य कक्ष को 'स्वर्ण नगरी' (सोने का नगर) कहा जाता है। इस कक्ष में सोने से परिरक्षित लकड़ी की अनेक रचनायें हैं जिसमें जैन धर्म से सम्बन्धित चित्रण हैं। इसी कक्ष में अयोध्या का भव्य चित्रण है जिसमें एक हजार किलो सोने का उपयोग हुआ है।
अजमेर जैन मंदिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
देवता | ऋषभदेव |
त्यौहार | महावीर जयन्ती |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | अजमेर |
ज़िला | अजमेर |
राज्य | राजस्थान |
देश | भारत |
भौगोलिक निर्देशांक | 26°27′N 74°38′E / 26.45°N 74.64°Eनिर्देशांक: 26°27′N 74°38′E / 26.45°N 74.64°E |
वास्तु विवरण | |
निर्माता | सेठ मूलचन्द सोनी |
स्थापित | 1864-1895 |
चित्र दीर्घा
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मुख्य द्वार
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मुख्य वेदी
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पश्चिमी वेदी
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अयोध्या नगरी
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सुमेरु पर्वत
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परलौकिक वायुयान
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सोलह स्वप्न
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नवजात बालक के साथ भगवान की माता जी
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ऐरावत पर विराजमान बाल तीर्थंकर
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नीलाञ्जना नामक अप्सरा का नृत्य
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ध्यान लगाये हुए भगवान ऋषभदेव
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भगवान ऋषभदेव का केशलुंचन
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हस्तिनापुर के राजा श्रेयांस, भगवान ऋषभदेव को गन्ने का रस देते हुए
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सर्वज्ञानी होने के बाद भगवान ऋषभदेव स्वर्ण कमल पर विचरण करते हुए
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भगवान ऋषभदेव द्वारा कैलाश पर्वत पर समोवशरण
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भूतल के हॉल की शोभा
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अजमेर का जैन संग्रहालय