अनुच्छेद 151 (भारत का संविधान)

अनुच्छेद 151 भारत के संविधान का एक अनुच्छेद है। यह संविधान के भाग 5 में शामिल है और संपरीक्षा प्रतिवेदन का वर्णन करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 151 में नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका का संवैधानिक जनादेश भी शामिल है. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पास मौलिक और अन्य अधिकारों को लागू करने के लिए कार्रवाई करने की शक्ति है.[1][2]

अनुच्छेद 151 (भारत का संविधान)  
मूल पुस्तक भारत का संविधान
लेखक भारतीय संविधान सभा
देश भारत
भाग भाग 5
प्रकाशन तिथि 1949
पूर्ववर्ती अनुच्छेद 150 (भारत का संविधान)
उत्तरवर्ती अनुच्छेद 152 (भारत का संविधान)

पृष्ठभूमि

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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 151, लेखापरीक्षा रिपोर्ट से जुड़े प्रावधानों से जुड़ा है। इसके दो प्रावधान हैं:

  • संघ के खातों से जुड़ी भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा।
  • किसी राज्य के खातों से जुड़ी भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को राज्य के राज्यपाल या राजप्रमुख को सौंपा जाएगा।[3]

मसौदा अनुच्छेद 127 (अनुच्छेद 151) पर 30 मई 1949 को बहस हुई ।एक सदस्य ने इस मसौदा अनुच्छेद में एकमात्र संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसमें संसद शब्द के स्थान पर संसद का प्रत्येक सदन शब्द रखा गया। संशोधन बिना बहस के स्वीकार कर लिया गया। संशोधित मसौदा अनुच्छेद 30 मई 1949 को अपनाया गया था।[4]

  1. "श्रेष्ठ वकीलों से मुफ्त कानूनी सलाह". hindi.lawrato.com. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
  2. "Understanding Article 151 of the Indian Constitution". Testbook. 2023-08-26. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
  3. "What is the Article 151? [Get the Answers at BYJU'S]". BYJUS. 2021-09-06. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
  4. "Article 151: Audit reports". Constitution of India. 2023-01-04. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
  5. (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ 56 – वाया विकिस्रोत. [स्कैन  ]
  6. "Official Website of Governor's Secretariat, Raj Bhavan Lucknow Uttar Pradesh, India. / The Governor / Constitutional Role of Governor". Official Website of Governor's Secretariat, Raj Bhavan Lucknow Uttar Pradesh, India. 2023-06-09. अभिगमन तिथि 2024-04-17.

बाहरी कड़ियाँ

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