अनुच्छेद 356 (भारत का संविधान)

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 356 को भाग 18 में रखा गया है। भारतीय संविधान में अनुच्छेद 356 का मुख्य विषय "राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के मामले में प्रावधान " निर्धारित किया गया है। [1]अनुच्छेद 356 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो राज्य सरकारों को दंगों और अशांति के समय में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रयोग में लाया जा सकता है। अनुच्छेद 356 भारतीय संविधान में एक महत्वपूर्ण प्रा वधान है जो केन्द्र सरकार को किसी राज्य सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति देता है।[2] यह अवस्था उत्पन्न होती है जब किसी राज्य का संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से विफल हो जाता है अर्थात राज्य की स्थिति ऐसी हो जाती है कि उसे संविधान के माध्यम से संभालना संभव नहीं रहता।[3]

अनुच्छेद 356 (भारत का संविधान)  
मूल पुस्तक भारत का संविधान
लेखक भारतीय संविधान सभा
देश भारत
भाग भाग 18
प्रकाशन तिथि 1949
पूर्ववर्ती अनुच्छेद 355 (भारत का संविधान)
उत्तरवर्ती अनुच्छेद 357 (भारत का संविधान)

पृष्ठ भूमि

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यदि राज्य के राज्यपाल से रिपोर्ट प्राप्त होती है कि राज्य की सरकार इस संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल रही है, तो राष्ट्रपति उद्घोषणा के माध्यम से कुछ उपाय कर सकते हैं:

राज्य सरकार के कार्यों को रोकना (खंड ए):

राष्ट्रपति यह उद्घोषणा कर सकते हैं कि राज्य सरकार के सभी या किसी भी कार्य को रोक दें, और राज्य के विधानमंडल की शक्तियां संसद के अधिकार के तहत या उसके द्वारा प्रयोग योग्य होंगी।

राज्य सरकार के विधानमंडल की शक्तियां संभालना (खंड बी):

राष्ट्रपति यह घोषणा कर सकते हैं कि राज्य के विधानमंडल की शक्तियां संसद के अधिकार के तहत या उसके द्वारा प्रयोग योग्य होंगी।

अन्य आकस्मिक प्रावधान करना (खंड सी):

राष्ट्रपति ऐसे आकस्मिक और परिणामी प्रावधान कर सकते हैं जो उन्हें उद्घोषणा के उद्देश्यों को प्रभावी करने के लिए आवश्यक या वांछनीय लगते हैं। इसमें शामिल है किसी भी निकाय या प्राधिकरण से संबंधित इस संविधान के किसी भी प्रावधान के संचालन को पूर्ण या आंशिक रूप से निलंबित करना।[4]

किस अवस्था में लागू होता है

  • यह अनुच्छेद केवल उस समय लागू होता है जब किसी राज्य का संवैधानिक तंत्र पूरी तरह विफल हो गया हो और राज्य की स्थिति बहुत अस्थिर और अशांत हो।

कैसे लागू होता है:

  • जब केन्द्र सरकार को लगता है कि किसी राज्य में सरकार नियंत्रण पूरी तरह से ख़त्म हो गया है और वह राज्य के आपातकालीन परिस्थितियों का सामना नहीं कर सक रही है, तो भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 को प्रयोग में लाया जा सकता है।[5]

नकारात्मक पहलू

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  • कुछ आलोचक इसे उच्च स्तरीय संघीय प्रभाव का एक साधन मानते हैं जिसे अन्य राजनैतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • अनुच्छेद 356 को राष्ट्रपति शासन के नाम पर राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के लिए एक बहाने के रूप में देखा जाता है।[2]

अनुच्छेद 356 का प्रयोग

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1. पंजाब मामला (1951):

  • यह अनुच्छेद पहली बार 20 जून 1951 को लागू किया गया था जब पंजाब की कम्युनिस्ट सरकार को बर्खास्त किया गया था। इस दौरान इसे 302 दिन तक लागू किया गया।[6]

2. बाबरी मस्जिद (1992):

  • उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, जो 6 दिसंबर 1992 को हुआ था, उसके बाद भी राज्य सरकार को बर्खास्त किया गया था। भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद एक लंबे सामाजिक-राजनीतिक विवाद का विषय रही थी , और हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों द्वारा आयोजित एक राजनीतिक रैली के हिंसक होने के बाद इसे निशाना बनाया गया था।[7]

3. केरल (1959):

  • पहली बार लोकतंत्रिक चुनी गई केरल की कम्युनिस्ट ईएमएस नम्बूदरीपाद की सरकार को सन् 1959 में इस प्रावधान का उपयोग कर बर्खास्त किया गया था। और पुरे राज्य में राष्ट्पति शासन लागू किया गया।[8][9]

संदर्भ सूची

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  1. "भारत का संविधान" (PDF). मूल (PDF) से 30 जून 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2024-04-21.
  2. राष्ट्रपति शासन, अभिगमन तिथि 2024-04-21
  3. "Article 356: Provisions in case of failure of constitutional machinery in States". Constitution of India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-04-21.
  4. "Indian Kanoon". अभिगमन तिथि 2024-04-21.
  5. "भारतीय संविधान". Governoruk. Gov. In. अभिगमन तिथि 2024-04-21.
  6. "देश में 132 बार हो चुका है आर्टिकल 356 का इस्तेमाल, जानिए किस सरकार ने कब-कब लगाया राष्ट्रपति शासन?". आज तक. 2023-02-10. अभिगमन तिथि 2024-04-21.
  7. "Demolition of the Babri Masjid", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2024-04-04, अभिगमन तिथि 2024-04-21
  8. "अनुच्छेद 356" (PDF). अभिगमन तिथि 2024-04-21.
  9. "What is Article 356, which Prime Minister Modi says Indira Gandhi misused 50 times?". The Indian Express (अंग्रेज़ी में). 2023-02-09. अभिगमन तिथि 2024-04-21.
  10. (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ 194 – वाया विकिस्रोत. [स्कैन  ]
  11. (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ 194 – वाया विकिस्रोत. [स्कैन  ]