अनॉक्सीजनी प्रकाशसंश्लेषण

अनॉक्सीजनी प्रकाशसंश्लेषण (anoxygenic photosynthesis) कुछ बैक्टीरिया जातियों में प्रकाश ऊर्जा के प्रयोग द्वारा बाद में प्रयोग हो सकने वाली रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्षमता को कहते हैं। यह पौधों द्वारा करे जाने वाले प्रकाशसंश्लेषण से भिन्न प्रक्रिया है। पौधे प्रकाश के प्रयोग से कार्बन डाईऑक्साइड और जल को अपने ऊर्जा-प्रयोगों के लिए शर्करा और ऑक्सीजन अणुओं में बदलते हैं, और यह ऑक्सीजन पौधे से बाहर छोड़ दी जाती है। इसकी बजाय अनॉक्सीजनी प्रकाशसंश्लेषण में बैक्टीरिया हाइड्रोजन सल्फाइड का प्रयोग करते हैं और गंधक के अणु छोड़ते हैं। अनॉक्सीजनी प्रकाशसंश्लेषण करने वाले सभी ज्ञात जीव अनिवार्य अवायुजीव, जो ऑक्सीजन की अधिक मात्रा उपस्थित होने पर मर जाते हैं। हरा गंधक बैक्टीरिया (green sulfur bacteria), लाल व हरा रेशेदार प्रकाशाहारी (red and green filamentous phototrophs) और जामुनी बैक्टीरिया (purple bacteria) ऐसे जीवों के उदाहरण हैं।[1][2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Donald A. Bryant; Niels-Ulrik Frigaard (November 2006). "Prokaryotic photosynthesis and phototrophy illuminated". Trends in Microbiology. 14 (11): 488–496. PMID 16997562. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0966-842X. डीओआइ:10.1016/j.tim.2006.09.001. मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 March 2016.
  2. Candidatus Chloracidobacterium thermophilum: An Aerobic Phototrophic Acidobacterium Donald A. Bryant, Amaya M. Garcia Costas, Julia A. Maresca, Aline Gomez Maqueo Chew, Christian G. Klatt, Mary M. Bateson, Luke J. Tallon, Jessica Hostetler, William C. Nelson, John F. Heidelberg, and David M. Ward Science 27 July 2007: 317 (5837), 523-526. doi:10.1126/science.1143236