अपरा सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की एक काव्य रचना है।[1][2] अपरा पहली बार सन १९४६ में प्रकाशित हुई थी।[3] उस समय इसका प्रकाशन साहित्यकार संसद द्वारा महादेवी वर्मा के संपादन में हुआ था। छठे संस्करण तक वह यहीं से प्रकाशित होती रही। सातवाँ संस्करण भारती भंडार से प्रकाशित हुआ। तब इसका मुखपृष्ठ बायी ओर दिए गए चित्र के अनुसार दो रंग वाला था। इसके बाद यह राजकमल प्रकाशन[4] से प्रकाशित हुई। इसको निराला ने सिस्टर निवेदिता को समर्पित किया है।

अपरा (ग्रन्थ)  

मुखपृष्ठ
लेखक 'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला'
देश भारत
भाषा हिंदी
विषय साहित्य
प्रकाशक राजकमल प्रकाशन
प्रकाशन तिथि प्रथम संस्करण-१९४६
पृष्ठ १८६
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-267-0552-3
अपरा:संस्करण १९७१


इसमें महाकवि निराला की १९४६ तक प्रकाशित उनके सभी संग्रहों में से चुनी हुई ८० कविताएँ संकलित हैं। चयन स्वयं निराला ने किया था, इसलिए इसकी महत्ता स्वतःसिद्ध है। यहाँ संकलित कविताओं से निराला के कवि-रूप का समग्र परिचय प्राप्त किया जा सकता है, इस अर्थ में यह संकलन गागर में सागर ही है।[5]


निराला की आत्मा नई दिशा खोजने के लिए सदा से विकल रही थी और अपरा तक यह खोज तीन दशक पार कर चुकी थी। इस संकलन में उनकी रचनाएँ में अनेक रेखाओं का सम विषम मेल मिलता है। एक ओर उनका दर्शन उन रहस्यमय सूक्ष्म तत्तवों का साथ नहीं छोड़ना चाहता जो युगों युगों का अर्जित अनुभूति वैभव है और दूसरी ओर उनकी पार्थिवता धरती के उस गुरुत्व से बाँधे हुए है, जो आज की पहली आवश्यकता है। एक ओर उनकी सांस्कृतिक दृष्टि पुरातन की प्रत्येक रेखा में उजले रंग भरती है और दूसरी ओर उनकी आधुनिकता व्यंग्य़ की ज्वाला में तपा तपाकर सब रंग उड़ाती रहती है। कोमल मधुर गीतों की वंशी से ओज के शंख तक उनकी स्वर साधना का उतार चढ़ाव है।[6]


निराला उस छायायुग के कृती हैं, जिसने जीवन में उमड़ते हुए विद्रोह को संगीत का स्वर और भाव का मुक्त सूक्ष्म आकाश दिया। वे ऐसे युग का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो उस विद्रोह का परिचय कठोर धरती पर विषम कंठ में चाहता है।

  1. "अपरा". मूल से 18 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि जनवरी 2015. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. प्रो॰ आर॰पी॰ चतुर्वेदी (२०१०). Great Personalities [महान व्यक्तित्व] (अंग्रेज़ी में). उपकार प्रकाशन. पृ॰ ४३. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788174820617. मूल से 5 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फ़रवरी 2015.
  3. गोपा सभर्वाल (२०००). "The Indian millennium, AD 1000-2000" [भारतीय सहस्त्राब्दी, ई॰ १०००-२०००] (अंग्रेज़ी में). पेंगुइन बुक्स (मूल प्रकाशक: यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन). पृ॰ ५४८. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780140295214. मूल से 5 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फ़रवरी 2015.
  4. "Publications Detail APARA" (एएसपी) (अंग्रेज़ी में). राजकमल प्रकाशन समूह. अभिगमन तिथि ८ दिसंबर 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]
  5. "अपरा" (पीएचपी). भारतीय साहित्य संग्रह. अभिगमन तिथि ८ दिसंबर 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]
  6. निराला, सूर्यकांत त्रिपाठी (१९७१). अपरा. इलाहाबाद: भारती भंडार, लीडर प्रेस. पृ॰ ३. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)