उपसौर और अपसौर
उपसौर और अपसौर (Perihelion and Aphelion), किसी ग्रह, क्षुद्रग्रह या धूमकेतु की अपनी कक्षा पर सूर्य से क्रमशः न्यूनतम और अधिकतम दूरी है।

सौरमंडल में ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं, कुछ ग्रहों की कक्षाएं करीब-करीब पूर्ण वृत्ताकार होती है, लेकिन कुछ की नहीं।| कुछ कक्षाओं के आकार अंडाकार जैसे ज्यादा है या इसे हम एक खींचा या तना हुआ वृत्त भी कह सकते हैं। वैज्ञानिक इस अंडाकार आकार को "दीर्घवृत्त" कहते हैं। यदि एक ग्रह की कक्षा वृत्त है, तो सूर्य उस वृत्त के केंद्र पर है। यदि, इसके बजाय, कक्षा दीर्घवृत्त है, तो सूर्य उस बिंदु पर है जिसे दीर्घवृत्त की "नाभि" कहा जाता है, यह इसके केंद्र से थोड़ा अलग है। एक दीर्घवृत्त में दो नाभीयां होती है। चूँकि सूर्य दीर्घवृत्त कक्षा के केंद्र पर नहीं है, ग्रह जब सूर्य का चक्कर लगाते है, कभी सूर्य की तरफ करीब चले आते है तो कभी उससे परे दूर चले जाते हैं। वह स्थान जहां से ग्रह सूर्य से सबसे नजदीक होता है उपसौर कहलाता है। जब ग्रह सूर्य से परे सबसे दूर होता है, यह अपसौर पर होता है।
#जब पृथ्वी उपसौर पर होती है, यह सूर्य से लगभग 14.7 करोड़ कि॰मी॰(3 जनवरी) (9.1 करोड़ मील) दूर होती है। इस दौरान 7% अधिक सौर विकिरण पृथ्वी पर प्राप्त होती है।
उपसौर की स्थिति उत्तरी गोलार्द्ध में सर्दियों (शीत) की तीव्रता को कम कर देती है और यह दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतू की तीव्रता को बढ़ाती है।
उपसौर की स्थिति सामान्यतः 2 जनवरी से 5 जनवरी के बीच बनती है लेकिन यह स्थितियां हर वर्ष बदलती रहती है।
#जब अपसौर पर होती है, सूर्य से 15.2 करोड़ कि॰मी॰ (9.5 करोड़ मील) दूर होती है। पृथ्वी, अपसौर (4 जुलाई)पर उपसौर पर की अपेक्षा सूर्य से 50 लाख कि॰मी॰ (30 लाख मील) ज्यादा दूर होती है। इस दौरान सामान्य से 7% कम सौर विकिरण पृथ्वी पर प्राप्त होती है।
अपसौर की स्थिति उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु की तीव्रता को कम करती है तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में शीत (सर्दी) ऋतु की तीव्रता को बढ़ती है।[1]
शब्दावली
संपादित करेंयदि निकाय सूर्य के अलावा किसी अन्य की परिक्रमा करता है, तब उपसौर और अपसौर शब्दों का प्रयोग नहीं करते हैं। पृथ्वी का चक्कर लगाते कृत्रिम उपग्रह (साथ ही चन्द्रमा भी) का नजदीकी बिंदु उपभू (perigee) और दूरस्थ बिंदु अपभू (apogee) कहलाता है। अन्य पिंडों का चक्कर लगाते निकाय के लिए इस सम्बन्ध में प्रयोगात्मक शब्द इस प्रकार है :-
पिंड | निकटतम पहुँच | दूरस्थ पहुँच |
---|---|---|
सामान्य | Periapsis/Pericentre | Apoapsis |
आकाशगंगा | Perigalacticon | Apogalacticon |
तारा | उपतारक (Periastron) | अपतारक (Apastron) |
श्याम विवर | Perimelasma/Peribothra/Perinigricon | Apomelasma/Apobothra/Aponigricon |
सूर्य | उपसौर (Perihelion) | अपसौर (Aphelion) |
बुध | Perihermion | Apohermion |
शुक्र | Pericytherion/Pericytherean/Perikrition | Apocytherion/Apocytherean/Apokrition |
पृथ्वी | उपभू (Perigee) | अपभू (Apogee) |
चन्द्रमा | Periselene/Pericynthion/Perilune | Aposelene/Apocynthion/Apolune |
मंगल | Periareion | Apoareion |
बृहस्पति | Perizene/Perijove | Apozene/Apojove |
शनि | Perikrone/Perisaturnium | Apokrone/Aposaturnium |
अरुण | Periuranion | Apouranion |
वरुण | Periposeidion | Apoposeidion |
प्लूटो | Perihadion | Apohadion |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Perihelion and Aphelion". Archived from the original on 20 अप्रैल 2013. Retrieved 23 अप्रैल 2013.