अफ़्रीकी हाथी, लोक्सोडोंटा प्रजाति के हाथी हैं, ये एलिफेंटिडाए कुल की दो मौजूद प्रजातियों में से एक हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि इस प्रजाति का नाम १८२५ में जॉर्ज कुवियर ने किया था, लेकिन कुवियर ने इसका नाम लोक्सोडोंटे रखा था। एक अज्ञात व्यक्ति ने इसका नाम बदल के आईसीज़ेडएन में लोक्सोडोंटा रख दिया और इसी को ही प्रमाण मान लिया गया[1]

अफ़्रीकी हाथी
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पशु
संघ: कोर्डेटा
उपसंघ: वर्टिब्रेटा
अधिवर्ग: टेट्रापोडा
वर्ग: मैमलिया
उपवर्ग: थेरिया
अध:वर्ग: यूथेरिया
गण: प्रोबोसिडिया
कुल: एलिफ़ेंटिडाए
वंश: लोक्सोडोंटा
अज्ञात, १८२७
जाति

लोक्सोडोंटा अडौरोरा
लोक्सोडोंटा अफ़्रीकाना
लोक्सोडोंटा साइक्लोटिस

लोक्सोडोंटा अफ़्रीकाना का की रिहायिश (२००७)

लोक्सोडोंटा के जीवाश्म केवल अफ़्रीका में मिले हैं, जहाँ पर ये मध्य प्लियोसीन में विकसित हुए।

अफ़्रीकी हाथी एशियाई हाथियों से बड़े होते हैं। नर के कंधे ३.६४ मी (१२ फ़ुट) ऊँचे और ५,४५५ कि.ग्रा (१२,००० पौंड) वज़नी होते हैं और मादा ३मी (१०फ़ुट) लंबी और ३,६३६कि.ग्रा. से ४,५४५कि.ग्रा.(८,००० से ११,००० पौंड) तक की होती हैं।[2] लेकिन नर १५,००० पौंड (६,८००कि.ग्रा.) तक के भी हो सकते हैं।

हाथी के अंग

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हाथी का ह्रदय
 
रोजर विलियम्स चिड़ियाघर, प्रोविडेंस, र्होड आइलैंड, संयुक्त राज्य अमरीका में एक अफ़्रीकी झा़ड़ी हथिनी

हाथियों के चार चर्वणदंत होते हैं, हरेक का वज़न करीब 5 कि॰ग्राम (180 औंस) और लंबाई करीब तीस सें.मी. होती है। जैसे जैसे आगे वाला जोड़ा घिस के टुकड़ों में गिरता हैं, पीछे वाला जोड़ा आगे आ जाता है और दाँत में पीछे की ओर दो और चबाने वाले दाँत आ जाते हैं। ४० से ६० साल की उम्र में हाथी के दाँत फिर से उगना बंद हो जाते हैं और वह भूख से मर सकता है, बल्कि यह इनकी मृत्यु का एक आम कारण है।

हाथी के दिखाने वाले दाँत वास्तव में कृंतकों का दूसरा समूह है जो हाथीदाँत बन जाते हैं। इनका इस्तेमाल जड़ें खोदने और खाने के लिए पेड़ की छालें छीलने में और मैथुन ऋतु में आपस में लड़ने के लिए, तथा भक्षकों से रक्षा के लिए होता है। इन दाँतों का वज़न २० से ४० कि.ग्रा. तक होता है और लंबाई 5 फीट (1.5 मी॰) से 8 फीट (2.4 मी॰) तक हो सकती है। अफ़्रीकी हथिनियों के भी दिखाने वाले दाँत होते हैं जबकि एशियाई हथिनियों के नहीं होते हैं [3]। एशियाई हाथियों के मुकाबले इनके चर्वणदंतों में तामचीनी पट्टियाँ कम होती हैं।[4]

झाड़ी व जंगली हाथियों को पहले एक ही जाति "लोक्सोडोंटा अफ़्रीकाना" की उपजाति माना जाता था। लेकिन अब इन्हें दो अलग जातियाँ माना जाता है[1]। अफ़्रीकी जंगली हाथी का जबड़ा अधिक लंबा व पतला, कान अधिक गोल, पैर के नाखूनों की संख्या अलग, अधिक सीधी व नीचे की ओर सूँड और काफ़ी छोटा आकार होता है। अफ़्रीकी झाड़ी हाथी के आमतौर पर आगे के पैर में ४ व पीछे के पैर में ३ नाखून होते हैं, जबकि अफ़्रीकी झाड़ी हाथी के (एशियाई हाथी की ही तरह) आमतौर पर आगे के पैर में ५ व पीछे के पैर में ४ नाखून होते हैं, लेकिन इन दोनों जातियों के बीच के वर्णसंकर भी काफ़ी आम हैं।

 
अफ़्रीकी हाथियों के दाँतों के साथ कुछ लोग, दार एस सलाम, १९००

२०वीं सदी में शिकार की वजह से "लोक्सोडोंटा" की जनसंख्या कई इलाकों में काफ़ी घट गई। इसका एक उदाहरण चाड के पश्चिमी इलाके में दिखता है। १९७० के दशक तक भी यहाँ काफ़ी हाथियों के झुंड थे और अनुमानित जनसंख्या ४ लाख थी, लेकिन २००६ तक यह संख्या १० हज़ार ही रह गई थी। अफ़्रीकी हाथी को नाम के वास्ते सरकारी संरक्षण तो है, लेकिन अवैध शिकार अभी भी एक बड़ी समस्या है।[5]

झाड़ी हाथियों के प्राकृतिक रिहाइशी इलाकों में या उनके बगल में मनुष्यों के अतिक्रमण की वजह से हाथियों के समूहों को सुरक्षित रूप से मनुष्यों से दूर ले जाने से संबंधित शोध शुरू हुआ है, इनमें यह खोज भी शामिल है कि ग़ुस्सैल मधुमक्खियों की आवाज़ों की रिकॉ्र्डिंग सुनाना हाथियों को किसी इलाके से भगाने में काफ़ी कारगर होती हैं।[6] अफ़्रीका में कुछ हाथियों के समुदाय इतने बड़े हो गए हैं कि कुछ समुदायों ने अधिक संख्या में इन्हें मारना शुरू किया है ताकि पर्यावरण में संतुलन रहे।[1]

  1. शोशानी, जेहेस्केल (१६ नवंबर, २००५). विल्सन, डी.ई. व रीडर, डी.एम.(सं) (ed.). विश्व की स्तनपायी जातियाँ (तीसरा संस्करण ed.). जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय मुद्रणालय. pp. ९१. आईएसबीएन ०-८०१-८८२२१-४. {{cite book}}: Check date values in: |date= (help)CS1 maint: multiple names: editors list (link)
  2. <http://www.pittsburghzoo.org/wildlife_lookUpAnimal_detail.asp?categoryname=&animal=15 Archived 2004-05-10 at the वेबैक मशीन>
  3. <http://www.denverzoo.org/animals/asianElephant.asp Archived 2007-01-13 at the वेबैक मशीन>
  4. क्लटन-ब्रोक, जूलिएट (१९८७). पालतू स्तनपायियों का प्राकृतिक इतिहास. p. २०८. ISBN ५२१३४६९७५. {{cite book}}: Check |isbn= value: invalid character (help)
  5. गौदर्ज़ी, सारा (२००६-०८-३०). "अफ़्रीका में १०० मारे गए हाथी मिले". LiveScience.com. Archived from the original on 3 सितंबर 2006. Retrieved २००६-०८-३१. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= and |date= (help); External link in |work= (help)
  6. लूसी ई. किंग, इएइन डगलस-हैमिल्टन, फ़्रिट्ज़ वोल्रथ (२००७) अफ़्रीकी हाथी विक्षुब्ध मधुमक्खियों की आवाज़ से दूर भागते हैं। वर्तमान जीव विज्ञान १७:आर८३२-आर८३३

बाहरी कड़ियाँ

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