अभिमन्यु अनत (अंग्रेज़ी: Abhimanyu Anat , जन्म- 9 अगस्त, 1937) मॉरीशस के हिन्दी कथा-साहित्य के सम्राट हैं। उनका जन्म ९ अगस्त १९३७ को मॉरीशस के उत्तर प्रान्त में स्थित त्रियोले गांव में हुआ। उन्होंने १८ वर्षों से हिन्दी का अध्यापन किया और वे ३ सालों तक युवा मंत्रालय में नाट्य कला विभाग में नाट्य प्रशिक्षक रहे। उन्होंने अपनी उच्च-स्तरीय हिन्दी उपन्यासों और कहानियों के द्वारा मॉरीशस को हिन्दी साहित्य में मंच पर प्रतिष्ठित किया। अभिमन्यु अनत का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। आर्थिक कठिनाइयों की वजह से वे सुचारु रूप से औपचारिक शिक्षा अधिक ग्रहण नहीं कर पाए लेकिन अपने श्रम से प्रसिद्ध लेखकों की रचनाओं पढकर उन्होंने अपनी लेखकीय कला का प्रमाण दिया। वे एक सजग, प्रतिबद्ध और कर्मठ रचनाकार हैं।[1] उन्होंने अपनी कहानियों को अपने समय के बयान के तौर पर लिखा है । नि: संदेह मारीशस के हिंदी साहित्य के इतिहास में उनका रचनाकाल 'अभिमन्यु अनत युग ' के रूप में दर्ज होगा। [2]

अभिमन्यु अनत
जन्म09 अगस्त 1937
त्रिओले, मॉरीशस
मौत4 जून 2018(2018-06-04) (उम्र 80 वर्ष)
त्रिओले, मॉरीशस
दूसरे नामअनत
पेशा18 वर्षों से हिन्दी का अध्यापन और तीन वर्षों तक युवा मंत्रालय में 'नाट्य कला विभाग' में नाट्य प्रशिक्षक।
राष्ट्रीयताभारतीय मॉरीशसियन
विधा'मॉरीशस के उपन्यास सम्राट'
विषयहिन्दी कथा साहित्यकार
आंदोलनअभिमन्यु अनत की कविताओं में शोषण, दमन और अत्याचार के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की गई है। बेरोज़गारी की समस्या पर भी इनकी दृष्टि गई है।
उल्लेखनीय कामs'कैक्टस के दांत', 'नागफनी में उलझी सांसें', 'गूँगा इतिहास', 'देख कबीरा हांसी', 'इंसान और मशीन', 'जब कल आएगा यमराज', 'लहरों की बेटी', 'एक बीघा प्यार', 'कुहासे का दायरा' आदि।

अभिमन्यु का मूल भारत की ही मिट्टी है। इनके पूर्वज अन्य भारतीयों के साथ अंग्रेज़ों द्वारा वहाँ गन्ने की खेती में श्रम करने के लिए लाये गए थे। मज़दूरों के रूप में गये भारतीय अंतत: वहीं पर बस गए। मॉरीशस काल-क्रम से अंग्रज़ों के शासन से मुक्त हुआ। भारतीय जो श्रमिक बनकर वहाँ गए थे, उनकी दूसरी-तीसरी पीढ़ियाँ पढ़ी-लिखी और सम्पन्न हैं। उनका जीवन स्तर बहुत ऊँचा है। अभिमन्यु की भारतीय पृष्ठभूमि ने उन्हें हिन्दी की सेवा के लिए उत्साहित किया और उन्होंने अपने पूर्वजों की मातृभूमि का ऋण अच्छी तरह से चुकाया। वे मॉरीशस के कथा-शिल्पी हैं, किन्तु उन्होने हिन्दी कविता को एक नया आयाम दिया है। उनकी कविताओं का भारत के हिन्दी साहित्य में भी महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

प्रकाशित कृतियाँ

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# कैक्टस के दांत (कविता संकलन)
  1. नागफनी में उलझी सांसें (कविता संकलन)
  2. एक डायरी बयान (कविता संकलन)
  3. गुलमोहर खौल उठा (कविता संकलन)
  4. मॉरीशस की हिन्दी कविता (संपादित)
  5. मॉरीशस के नौ हिन्दी कवि (संपादित)
  6. विरोध (नाटक)
  7. तीन दृश्य (नाटक)
  8. गूँगा इतिहास (नाटक)
  9. रोक दो कान्हा (नाटक)
  10. देख कबीरा हांसी (नाटक)
  11. एक थाली समन्दर (कहानी संग्रह)
  12. खामोशी के चीत्कार (कहानी संग्रह)
  13. इंसान और मशीन (कहानी संग्रह)
  14. वह बीच का आदमी (कहानी संग्रह)
  15. अब कल आएगा यमराज (कहानी संग्रह)
  16. लहरों की बेटी (लघु उपन्यास)
  17. मार्क ट्वेन का स्वर्ग (लघु उपन्यास)
  18. फैसला आपका (लघु उपन्यास)
  19. मुड़िया पहाड़ बोल उठा (लघु उपन्यास)
  20. और नदी बहती रही (लघु उपन्यास)
  21. आन्दोलन (लघु उपन्यास)
  22. एक बीघा प्यार (लघु उपन्यास)
  23. जम गया सूरज (लघु उपन्यास)
  24. तीसरे किनारे पर (लघु उपन्यास)
  25. चौथा प्राणी (लघु उपन्यास)
  26. लाल पसीना (लघु उपन्यास)
  27. तपती दोपहरी (लघु उपन्यास)
  28. कुहासे का दायरा (लघु उपन्यास)
  29. शेफाली (लघु उपन्यास)
  30. हड़ताल कल होगी (लघु उपन्यास)
  31. चुन-चुन चुनाव (लघु उपन्यास)
  32. अपनी ही तलाश (लघु उपन्यास)
  33. पर पगडंडी मरती नहीं (लघु उपन्यास)
  34. अपनी-अपनी सीमा (लघु उपन्यास)
  35. गांधीजी बोले थे (लघु उपन्यास)
  36. शब्द भंग (लघु उपन्यास)
  37. पसीना बहता (लघु उपन्यास)
  38. आसमान अपना आँगन (लघु उपन्यास)
  39. अस्ति-अस्तु (लघु उपन्यास)
  40. हम प्रवासी (लघु उपन्यास)
  41. अपना मन उपवन (उपन्यास)
  42. 'लाल पसीना', (कालजयी महाकाव्यात्मक उपन्यास)[3][4]

अभिमन्यु अनत को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जैसे साहित्य अकादमी, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, यशपाल पुरस्कार, जनसंस्कृति सम्मान, उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार आदि।

साँचा:मारीशस के हिन्दी विद्वान

  1. पांडेय, राकेश (जनवरी अक्टूबर-दिसम्बर २००५). मारीशस में हिन्दी एक सिंहावलोकन. गीता कालोनी, नई दिल्ली: प्रवासी संसार. पृ॰ १३-१९. |year= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद); |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)
  2. सिन्हा, उन्मेष कुमार (मई ,2004). "समय का बयान". उत्तर प्रदेश: 17–19. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  3. अनत, अभिमन्यु (२०१०). लाल पसीना. नई दिल्ली: राजकमल प्रकाशन. पृ॰ ३६४. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)
  4. "लाल पसीना (Laal Paseena) by अभिमन्यु अनत (Abhimanyu Anat)". मूल से 20 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मार्च 2018.