अभ्युदय हिन्दी का ऐतिहासिक साप्ताहिक पत्र है जिसका आरम्भ मदन मोहन मालवीय जी ने की थी। सन् 1907 में बसंत पंचमी के दिन इसका प्रकाशन आरम्भ हुआ। मालवीय जी ने ‘अभ्युदय‘ के लिए लिए जो संपादकीय नीति तैयार की थी उसका मूल तत्त्व था - स्वराज। महामना ने इस पत्र में ग्रामीण लोगों की समस्याओं को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया था जिसका प्रमाण ‘अभ्युदय‘ के पृष्ठों पर लिखा यह वाक्य था- ‘कृपा कर पढ़ने के बाद अभ्युदय किसी किसान भाई को दे दीजिए‘।

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