अमरनाथ झा (25 फ़रवरी 1897 – 2 सितम्बर 1955) भारत के शिक्षाविद थे। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उपकुलपति एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति रहे। वे गंगानाथ झा के पुत्र थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में पद्म भूषण से १९५४ में सम्मानित किया गया।

अमरनाथ झा

५वें [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के उपकुलपति]]
पद बहाल
27 फरवरी 1948 – 5 दिसम्बर 1948
नियुक्त किया लॉर्ड माउंटबेटन
पूर्वा धिकारी सर्वेपल्लि राधाकृष्णन
उत्तरा धिकारी पण्डित गोविन्द मालवीय

वे हिन्दी के प्रबल समर्थकों में से एक थे। हिन्दी को सम्माननीय स्तर तक ले जाने और उसे राजभाषा बनाने के लिए उन्होने बहुमूल्य योगदान दिया था। हिन्दी को राजभाषा बनाने के प्रश्न पर विचार करने के लिए जो आयोग बनाया था, उसके एक सदस्य डॉ. अमरनाथ झा भी थे। वे हिन्दी के समर्थक थे और खिचड़ी भाषा उन्हें स्वीकर नहीं थी।