इलाहाबाद विश्वविद्यालय

भारत का केंद्रीय विश्वविद्यालय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह आधुनिक भारत के सबसे पहले विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 'पूर्व के आक्सफोर्ड' नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना सन् 1887 ई को एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से हुयी थी। इस विश्वविद्यालय का नक्शा प्रसिद्ध अंग्रेज वास्तुविद इमरसन ने बनाया था।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का चिह्न

आदर्श वाक्य:Quot Rami Tot Arbores
हिन्दी में आदर्श वाक्य:जितनी अधिक शाखाएँ, उतने अधिक वृक्ष
स्थापित१८८७
प्रकार:सार्वजनिक
कुलाधिपति:प्रोफेसर गोवर्धन मेहता[1]
कुलपति:प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव
अवस्थिति:इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
परिसर:नगरीय
सम्बन्धन:यू॰जी॰सी
जालपृष्ठ:www.allduniv.ac.in


१८६६ में इलाहाबाद में म्योर कॉलेज की स्थापना हुई जो आगे चलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। आज भी यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। म्योर कॉलेज का नाम तत्कालीन संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम म्योर के नाम पर पड़ा। उन्होंने २४ मई १८६७ को इलाहाबाद में एक स्वतंत्र महाविद्यालय तथा एक विश्वविद्यालय के निर्माण की इच्छा प्रकट की थी। १८६९ में योजना बनी। उसके बाद इस काम के लिए एक शुरुआती कमेटी बना दी गई जिसके अवैतनिक सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने।[2]

९ दिसम्बर १८७३ को म्योर कॉलेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई द्वारा रखी गई। ये वायसराय तथा भारत के गवर्नर जनरल थे। म्योर सेंट्रल कॉलेज का आकल्पन डब्ल्यू एमर्सन द्वारा किया गया था और ऐसी आशा थी कि कॉलेज की इमारतें मार्च १८७५ तक बनकर तैयार हो जाएँगी। लेकिन इसे पूरा होने में पूरे बारह वर्ष लग गए। १८८८ अप्रैल तक कॉलेज के सेंट्रल ब्लॉक के बनाने में ८,८९,६२७ रुपए खर्च हो चुके थे। इसका औपचारिक उद्घाटन ८ अप्रैल १८८६ को वायसराय लार्ड डफरिन ने किया।

२३ सितंबर १८८७ को एक्ट XVII पास हुआ और कलकत्ता, बंबई तथा मद्रास विश्वविद्यालयों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय उपाधि प्रदान करने वाला भारत का चौथा विश्वविद्यालय बन गया। इसकी प्रथम प्रवेश परीक्षा मार्च १८८९ में हुई।[3]

उपलब्धियाँ

 
म्योर कॉलेज का प्रांगण

अपने ११८ वर्ष के इतिहास में विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा बनाये रखी है। यह अपने पठन-पाठन के ढंग में, शोध कार्यक्रमों और अन्य शैक्षणिक विधियों में भारतीय समाज के अनुसार परिवर्तन करता रहा है। बहुत से नए विभाग बनाए गए और पूर्वस्थापित विभागों ने उच्च शिक्षा के स्तर को बनाए रखने के लिए नए क्षेत्रों में शोध कार्य आरंभ किए हैं।

देश के अन्य राज्य-विश्वविद्यालयों के समान ही प्रवेश लेने वालों की भारी भीड़ के बीच इस विश्वविद्यालय को भी उच्च शिक्षा के स्तर को बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इस सम्बंध में विश्वविद्यालय प्रति छात्र संसाधनों की उपलब्धता और अध्यापक मण्डली और विद्यार्थियों में आमने-सामने के आदर्श व्यवहार को बनाए रखने में सफल रहा है।

विभाग

कला संकाय

विज्ञान संकाय

 
विज्ञान विभाग

यूजीसी की १०वें योजना के अन्तर्गत स्थायी संकाय

यूजीसी की ११वें योजना के अन्तर्गत स्थायी संकाय

  • Institute of film and theatre

स्वतंत्र केन्द्र

The Centre is a UGC Centre of Excellence that has been set up with the support of the University Grants Commission (UGC) at University of Allahabad. The Centre was the first to offer a Master Degree course in Cognitive Science in India.

कला संकाय के पाठ्यक्रम

  • Department of Physical Education (Re-structure)
  • School of Language
  • Department of Sociology

व्यावसायिक शिक्षा संस्थान

अन्तर-विषयी शिक्षा संस्थान

परियोजना द्वारा वित्तपोषित केन्द्र

  • Nanophosphor Application Centre, 2005

पुरातन छात्र

शीर्ष पाठ शीर्ष पाठ शीर्ष पाठ

राजनेता

लेखक एवं शिक्षाविद

अन्य

सन्दर्भ

  1. "CHANCELLOR" [कुलाधिपति]. इलाहाबाद विश्वविद्यालय. मूल से 20 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अगस्त 2015.
  2. "पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय". इलाहाबाद वि.वि. मूल से 15 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अक्टूबर 2007. |title= में 19 स्थान पर line feed character (मदद)
  3. "About AU -> History" (अंग्रेज़ी में). इलाहाबाद वि.वि. मूल (एचटीएम) से 30 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ अक्तूबर 2007.

बाहरी कड़ियाँ

  1. अनुप्रेषित साँचा:प्रयागराज