गोरख प्रसाद

गणितज्ञ, हिंदी विश्वकोश के संपादक तथा हिंदी में वैज्ञानिक साहित्य के लब्धप्रतिष्ठ और बहुप्रतिभ

गोरखप्रसाद (28 मार्च 1896 - 5 मई 1961) गणितज्ञ, हिंदी विश्वकोश के संपादक तथा हिंदी में वैज्ञानिक साहित्य के लब्धप्रतिष्ठ और बहुप्रतिभ लेखक थे।[1] उन्होने प्रयाग विश्वविद्यालय में १९२५ से १९५७ तक गणित का अध्यापन किया।

जीवन परिचय संपादित करें

श्री गोरख प्रसाद का जन्म 28 मार्च 1896 ई. को गोरखपुर में हुआ था।

सन्‌ 1918 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इन्होंने एम.एस-सी. परीक्षा उत्तीर्ण की। ये डॉ॰ गणेशप्रसाद के प्रिय शिष्य थे। उनके साथ इन्होंने सन्‌ 1920 तक अनुसंधान कार्य किया। महामना पं॰ मदनमोहन मालवीय जी की प्रेरणा से एडिनबरा गए और सन्‌ 1924 में गणित की गवेषणाओं पर वहाँ के विश्वविद्यालय से डी.एस-सी. की उपाधि प्राप्त की। 21 जुलाई 1925 ई. से प्रयाग विश्वविद्यालय के गणित विभाग में रीडर के पद पर कार्य किया। वहाँ से 20 दिसम्बर 1957 ई. को पदमुक्त होकर नागरीप्रचारिणी सभा द्वारा संयोजित हिंदी विश्वकोश का संपादन भार ग्रहण किया। हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा 1931 ई. में 'फोटोग्राफी' ग्रंथ पर मंगलाप्रसाद पारितोषिक मिला। संवत्‌ 1989 (सन्‌ 1932-33 ई.) में काशी नागरीप्रचारिणी सभा से उनकी पुस्तक 'सौर परिवार' पर डॉ॰ छन्नूलाल पुरस्कार, ग्रीब्ज़ पदक तथा रेडिचे पदक मिले।

इनका संबंध अनेक साहित्यिक एवं वैज्ञानिक संस्थाओं से था। सन्‌ 1952 से 1959 तक विज्ञान परिषद् (प्रयाग) के उपसभापति और सन्‌ 1960 से मृत्युपर्यन्त उसके सभापति रहे। हिंदी साहित्य सम्मेलन के परीक्षामंत्री भी कई वर्ष रहे। काशी में हिन्दी सहित्य सम्मेलन के 28वें अधिवेशन में विज्ञान परिषद् के अध्यक्ष थे। बनारस मैथमैटिकल सोसायटी के भी अध्यक्ष थे।

5 मई 1961 ई. को वाराणसी में अपने नौकर की प्राणरक्षा के प्रयत्न में इनकी भी जलसमाधि हो गई।[2]

कृतियाँ संपादित करें

उनकी कुछ मुख्य पुस्तकें :

  • फलसंरक्षण (1937),
  • उपयोगी नुस्खे,
  • तर्कीबें और हुनर (1939),
  • लकड़ी पर पालिश (1940),
  • घरेलू डाक्टर (1940),
  • तैरना (1944) तथा
  • सरल विज्ञानसागर (1946) हैं।

ज्योतिष और खगोल के ये प्रकांड विद्वान्‌ थे। इनपर इनकी 'नीहारिका' (1954), 'आकाश की सैर' (1936), सूर्य (1959), सूर्यसारिणी (1948), चंद्रसारिणी (1945) और 'भारतीय ज्योतिष का इतिहास' (1956) पुस्तकें हैं। अंग्रेजी में गणित पर बी. एस-सी. स्तर के कई पाठ्य ग्रंथ हैं, जिनमें अवकलन गणित (Differential Calculus), तथा समाकलन गणित (Integral Calculus) हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "भारतीय चरित कोश (पृष्ट २५१)". मूल से 20 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अक्तूबर 2018.
  2. हिंदी विश्वकोश, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, पुनर्मुद्रित संस्करण-२००३, पृष्ठ-२९. (पूरा लेख प्रायः यथावत् उद्धृत है।)

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें