अमरपक्षी तारामंडल
- अगर आप मिथ्य-कथाओं में मिलने वाले अमरपक्षी (फ़ीनिक्स) के बारे में जानकारी ढूंढ रहें हैं, तो अमरपक्षी का लेख देखिये
अमरपक्षी या फ़ीनिक्स (Phoenix constellation) तारामंडल एक छोटा-सा तारामंडल है। इसके अधिकतर तारे बहुत धुंधले हैं और इसमें +५ मैग्नीट्यूड की चमक (सापेक्ष कान्तिमान) से अधिक रोशनी रखने वाले केवल दो तारे हैं। इसकी परिभाषा सन् १५९७-९८ में पॅट्रस प्लैंकियस (Petrus Plancius) नामक डच खगोलशास्त्री ने की थी। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है।[1]
तारामंडल | |
तारों की सूची | |
संक्षिप्त रुप | Phe |
---|---|
दायाँ आरोहण | 23h 26.5m to 02h 25.0m[1] h |
दिक्पात | −39.31° to −57.84°[1]° |
चक्र | SQ1 |
क्षेत्र | 469 sq. deg. (37th) |
मुख्य तारे | 4 |
बायर तारे | 25 |
बहिर्ग्रह वाले तारे | 10 |
3.00m से चमकीले तारे | 1 |
10.00 पारसैक (32.62 प्रकाशवर्ष) परिधि के तारे | 1 |
सबसे_चमकीला_तारा | α Phe (2.40m) |
निकटतम तारा |
ग्लीज़ 915 (27.24 प्रव, 8.35 पसै) |
मॅसिये वस्तुएँ | 0 |
उल्का बौछारें | फ़ीनिक्साई उल्का बौछार |
तारामंडल (सीमा से सटे) |
|
अक्षांश +32° और −80° के बीच दृश्यमान। सबसे उत्तम दृश्य 21:00 (रात्रि 9 बजे) नवम्बर के महीने में। |
तारे और अन्य वस्तुएँ
संपादित करेंअमरपक्षी तारामंडल में ४ मुख्य तारे हैं, हालांकि वैसे इसमें २५ तारों को बायर नाम दिए जा चुके हैं। इनमें से ५ के इर्द-गिर्द ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं। इस तारामंडल के मुख्य तारे और अन्य वास्तुएँ इस प्रकार हैं -[2]
- अल्फ़ा फ़ीनाइसिस (α Phoenicis) - यह एक K0 III श्रेणी का +२.४ मैग्नीट्यूड (चमक) वाला तारा है। दूरबीन से देखने पर यह एक दोहरा तारा ज्ञात होता है। इस तारे को अन्क़ा (Ankaa) भी कहते हैं।
- फ़ीनिक्साई उल्का बौछार (Phoenicids meteor shower) - हर साल दिसम्बर ५ की रात्रि को पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध (हॅमिस्फ़्येअर) में अमरपक्षी तारामंडल के क्षेत्र में उल्काओं की कुछ बौछारें देखी जाती हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ "Phoenix, constellation boundary". The Constellations. International Astronomical Union. मूल से 5 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 August 2012.
- ↑ Ian Ridpath and Wil Tirion (2007). Stars and Planets Guide, Collins, London. ISBN 978-0007251209. Princeton University Press, Princeton. ISBN 978-0691135564.