अमर अग्रवाल
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अमर अग्रवाल (जन्म: 22 सितम्बर 1963) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे पूर्व में छत्तीसगढ शासन में स्वास्थ्य , चिकित्सा शिक्षा , वाणिज्यिक कर एवं श्रम मंत्री के पद पर कार्यरत थे। 1998 से 2013 तक लगातार बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनाव में जीत हासिल करते रहे हैं । साथ ही छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार चुने गए। वह 2023 में बिलासपुर विधानसभा सीट से पुनः विधायक चुने गए हैं।
अमर अग्रवाल | |
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जन्म |
22 सितंबर 1963 रायगढ़ |
नागरिकता | भारत |
शिक्षा | सी. एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
निजी जीवनः
संपादित करेंअमर अग्रवाल, स्व. श्री लखीराम अग्रवाल के पुत्र हैं जो कि अविभाजित मध्यप्रदेश के भाजपा अध्यक्ष रहेथे एवं अपनी कुशल संगठन छमता और नवीन परिपाटियों के निर्माण हेतु जाने जाते थे। अमर अग्रवाल का जन्म अविभाजित मध्यप्रदेश के रायगढ़ जिले में 22 सितंबर सन् 1963 को खरसिया में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा खरसिया के स्थानीय स्कूल से पूरी करने के बाद उन्होनें रायपुर के दुर्गा काॅलेज से वाणिज्य संकाय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इस दौरान वे भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा बिलासपुर के जिला अध्यक्ष, भाजपा राष्ट्रीय परिषद एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य रहे। इन सब के साथ ही वे सन् 1984 तक अपने पैतृक व्यवसाय का भी संचालन करते रहे। 16 फ़रवरी 1985 को वैवाहिक जीवन में पर्दापण किया। श्रीमती शशि अग्रवाल आपकी धर्मपत्नी है। आज वे एक पुत्र व दो पुत्रियों के पिता हैं।
राजनीतिक जीवनः
संपादित करेंश्री अमर अग्रवाल ने अपनी सक्रिय राजनीतिक पारी की शुरूवात करते हुए कार्यक्षेत्र के रूप में बिलासपुर को चुना और अपने आप को जनसेवा के लिए पूर्णतः समर्पित कर दिया। उनके अथक परिश्रम और निःस्वार्थ सेवा को देखते हुए भारतीय जनत पार्टी ने सन् 1998 में विधानसभा के लिए चुनाव के लिए बिलासपुर क्षेत्र से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में श्री अमर अग्रवाल जी ने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल कर अविभाजित म.प्र. विधानसभा में बिलासपुर क्षेत्र का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया। छ.ग. राज्य निर्माण के बाद हुए प्रथम विधानसभा चुनाव 2003 में भी उन्होनें प्रचण्ड बहुमत से जीत का सिलसिला जारी रखा और डॉ॰ रमन सिंह के मंत्रीमण्डल में वित्त, योजना, आर्थिक सांख्यिकी, वाणिज्य कर तथा नगरीय प्रशासन मंत्रालय का दायित्व कुशलतापूर्वक निभाया। छत्तीसगढ़, जो कि उस समय भारत के नक्शे में एक उभरता एवं विकसित होता हुआ प्रदेश था, को उन्होंने बेहतर वित्तीय एवं राजस्व प्रबंधन के द्वारा एक सुदृंढ़ आर्थिक नींव एवं कर-ढांचा प्रदान किया।
सन् 2006 में उन्हें स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी सौंपा गया, जिसका परिणाम यह है किए स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से सर्वाधिक पिछड़ा माने जाने वाला छत्तीसगढ़ आज भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन जनसंख्या आयुक्त द्वारा कराये गये आठ पिछड़े राज्यों के सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से आज प्रथम स्थान पर है। यहां तक की अविकसित आदिवासी बहुल्य कांकेर जिला टीकाकरण के मामले में सम्पूर्ण देश में प्रथम स्थान पर है। लिंग परीक्षण पर कठोर प्रतिबंध लगाने का परिणाम यह है किए आज छत्तीसगढ़ का महिला पुरूष अनुपात भारत के राष्ट्रीय अनुपात की तुलना में कही अधिक है। 2008 के विधानसभा चुनाव में उन्होनें हैट्रिक का रिकार्ड बनाते हुए लगातार तीसरी बार भारी मतों से चुनाव में जीत हासिल की। प्रदेश भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में श्री अमर अग्रवाल के पिछले सफल कार्यकाल से प्रभावित होकर रमन सिंह ने उन्हें पुनः वाणिज्य कर, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन का दायित्व सौंपा। वर्तमान समय में वे अपने दृढ संकल्प अथक परिश्रम एवं सेवाभाव के साथ अपनी तमाम जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए एक योग्य पिता के योग्य पुत्र के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं।
सन् 2008 से 2013 तक अपने द्वितीय कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मान. श्री अमर अग्रवाल ने जनता को त्वरित, सुलभ एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया। इस कार्यकाल में उन्होंने आधुनिक तकनीक का अधिकाधिक प्रयोग जनता के कल्याण हेतु किया। "108: संजीवनी एक्सप्रेस", जिसे छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा कहा गया, "102: महतारी एक्सप्रेस" जो कि गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई, 104 फोन-नम्बर के द्वारा निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श श्री अमर अग्रवाल के द्वारा जनता के कल्याण हेतु जनहित-प्रोद्योगिकी के कुछ उदाहरण हैं।
जन-शिकायत केंद्र जो कि 0775-2249311 से 249340 तक 30 निःशुल्क नम्बरों द्वारा संचालित एक केंद्र है जिसमें संवाद स्थापित करने हेतु सिर्फ मिस्ड काल करना होता है। यह जनता से प्रत्यक्ष संवाद कर जनता की शिकायतों के त्वरित निवारण-केंद्र के रूप में स्थापित है। यह उनका स्वंम् का व्यक्तिगत प्रयास व संस्थान है, जो कि उनकी संवेदन-शीलता एवं जनहित-प्रोद्योगिकी के प्रयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है।
श्री अमर अग्रवाल अपने तीसरे कार्यकाल में जनहित को जन-प्रोद्योगिकी के माध्यम से संधारित करते हुए उसे और सुलभ एवं सर्वसमावेशी बनाने हेतु दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। आवश्यक संसाधन त्वरित उपलब्ध करवाकर एम्स को राजधानी में कार्यशील करना, स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार, सिकल सेल (जो कि छत्तीसगढ़ की प्रमुख अनुवांशिक बीमारी है) पर रिसर्च हेतु पृथक संस्थान ‘‘सिकल सेल इंस्टीट्यूट’’ की स्थापना, परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सकीय ज्ञान को प्रोत्साहित करना श्री अमर अग्रवाल जी के वर्तमान कार्यकाल की कुछ प्रारंभिक उपलब्धियां हैं।