अमीनो अम्ल कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनमें इसके एक ही कार्बन (α-कार्बन) पर एक अमीनो समूह व एक कार्बोक्सिलिक अम्ल समूह प्रतिस्थापित होते हैं। इस कारण इन्हें α-अमीनो अम्ल कहते हैं। ये प्रतिस्थापित मेथेन हैं। चार प्रतिस्थापी समूह चार संयोजकता स्थल से जुड़े रहते हैं। ये समूह हाइड्रोजन, कार्बोक्सिलिक अम्ल समूह, अमीनो समूह तथा भिन्न परिवर्तनशील समूह, जिसे R समूह से व्यक्त करते हैं, पाए जाते हैं। R समूह की प्रकृति के आधार पर अमीनो अम्ल अनेक प्रकार के होते हैं फिर भी प्रोटीन में उपलब्धता के आधार पर ये 22 प्रकार के होते हैं। प्रोटीन के अमीनो अम्लों में R समूह, हाइड्रोजन (ग्लाइसीन), मेथिल समूह ( ऐलनीन), हाइड्रोक्सिमेथिल (सेरीन) आदि हो सकते हैं।

उदासीन रूप में α-अमीनो अम्ल की संरचना

अमीनो अम्लों के भौतिक व रासायनिक गुण मुख्यतः अमीनो, कार्बोक्सिल व R क्रियात्मक समूह पर निर्भर है। अमीनों व कार्बोक्सिल समूहों की संख्या के आधार पर अम्लीय (ग्लूटामिक अम्ल), क्षारीय (लाइसिन) और उदासीन (वैलीन) अमीनो अम्ल होते हैं। इसी प्रकार ऐरोमेटिक अमीनो अम्ल (टाइरोसीन, फेनिलैलनीन, ट्रिप्टोफैन) होते हैं। अमीनो अम्लों का एक विशेष गुण यह हैं कि अमीनो व कार्बोक्सिलिक अम्ल समूह आयनन प्रकृति के होते हैं, अतः विभिन्न PH वाले विलयनों में अमीनो अम्लों की संरचना परिवर्तित होती रहती हैं।

वर्गीकरण

अमीनो अम्ल में अमीनो तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल प्रकार्यात्मक समूह उपस्थित होते हैं। कार्बोक्सिल समूह के सन्दर्भ में अमीनो समूह की आपेक्षिक स्थितियों के आधार पर अमीनो अम्लों को α, β, γ, δ आदि में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रोटीन के जलीय विश्लेषण से केवल α-अमीनो अम्ल ही प्राप्त होते हैं। इनमें अन्य प्रकार्यात्मक समूह भी उपस्थित हो सकते हैं।

अमीनो अम्लों को उनके अण्वों में उपस्थित अमीनो तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल समूहों की आपेक्षिक संख्या के आधार पर अम्लीय क्षारीय अथवा उदासीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। अमीनो तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल समूहों की समान संख्या अमीनो अम्ल की प्रकृति को उदासीन बनाती है। कार्बोक्सिलिक अम्ल समूहों की अपेक्षा अमीनो समूहों को संख्या अधिक होने पर यह क्षारीय तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल समूहों की संख्या अमीनों समूहों की संख्या से अधिक होने पर यह अम्लीय होते हैं जो अमीनो अम्ल शरीर में संश्लेषित हो सकते हैं उन्हें अनावश्यक अमीनो अम्ल कहते हैं। जबकि वे अमीनो अम्ल जो शरीर में संश्लेषित नहीं हो सकते तथा जिनको भोजन में लेना आवश्यक है, आवश्यक अमीनो अम्ल कहलाते हैं।

सन्दर्भ