अमी चन्द्र
पण्डित अमी चन्द्र विद्यालंकार (1900–1954), भारतीय मूल के फिजी के एक आर्यसमाजी, शिक्षाविद तथा श्रमिक नेता थे। वे आर्यसमाज की योजनानुसार १९२७ में फिजी आये ताकि फिजी में आर्य समाज का प्रचार-प्रसार हो तथा भारतीय मूल के लोगों में शिक्षा का स्तर उन्नत किया जा सकते। उन्होने फिजी में एक अत्यन्त ब्यस्त समय बिताया। उन्होने वहाँ हिन्दी का भी प्रचार-प्रसार किया जिसके लिए उन्होने प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए कई पाठ्यपुस्तकों की रचना की। वे फिजी की लेजिस्लेटिव काउन्सिल के सदस्य भी रहे। उनको फिजी के सभी समुदायों के लोगों से प्यार मिला।
अमी चन्द्र | |
---|---|
[[Image:|225px]] अमी चन्द्र | |
जन्म |
1900 भारत |
मौत |
13 मार्च 1954 सिंगापुर |
राष्ट्रीयता | फिजी के नागरिक |
जाति | भारतीय |
नागरिकता | फिजी के नागरिक |
शिक्षा | B. A. Gurukul, Kangri, India |
शिक्षा की जगह | Gurukul, Kangri, India |
पेशा | Politician, Teacher, Union ke neta |
कार्यकाल | 1927 - 1954 |
पदवी | Pandit |
प्रसिद्धि का कारण | Legislative Council ke member, 1947 - 1950, Fiji me Hindustani ke parrhae, Ba Soccer Association ke suruu kare waala, Fiji Trades Union Congress ke pahila pardhaan |
अवधि |
Legislative Council (1947-1950) |
बोर्ड सदस्यता | Radio Fiji |
धर्म | Hindu (Arya Samaji) |
जीवनसाथी | Sarvati Devi |
बच्चे | Saroj, Jyan, Pushpa aur Om |
पुरस्कार |
Dayanand Medal for Meritorious Service Vidyalankar |
देखें
संपादित करेंयह जीवनचरित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |