अलफ़र्द तारा

अलफ़र्द जलसर्प तारामंडल का सब से रोशन तारा है जो पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ४७वाँ सब से

अलफ़र्द, जिसका बायर नाम में "अल्फ़ा हाइड्रे" (α Hya, α Hydrae) है, जलसर्प तारामंडल का सब से रोशन तारा है जो पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ४७वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे १७७ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) १.९८ है।

अलफ़र्द जलसर्प (हाइड्रा) तारामंडल में स्थित 'α' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है

अन्य भाषाओं में संपादित करें

अलफ़र्द को अंग्रेज़ी में "ऐलफ़ार्ड" (Alphard) कहा जाता है। यह नाम अरबी भाषा के "अल-फ़र्द" (الفرد‎) से लिया गया है जिसका अर्थ "अकेला" है। इसका नाम यह इसलिए पड़ा क्योंकि इसके आसपास कोई भी अन्य रोशन तारा नहीं है।

वर्णन संपादित करें

अलफ़र्द एक नारंगी रंग का K3 II या K3 III श्रेणी का चमकीला दानव तारा है। इसकी सतह का तापमान लगभग ४,१२० कैल्विन अनुमानित किया गया है। इसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का ३ गुना है, लेकिन जब इसने अपने जीवन का मुख्य अनुक्रम चरण समाप्त कर दिया तो यह फूलने लगा और अब इसका व्यास (डायामीटर) सूरज के व्यास का ५० गुना है।[1] इसकी आयु लगभग ४२ करोड़ साल अनुमानित की गई है।

इसके वर्णक्रम (स्पॅक्ट्रम) का अध्ययन करके वैज्ञानिकों को इसमें बैरियम तत्व की उम्मीद से अधिक मात्रा मिली है। इस प्रकार के तारों में अक्सर यह तब होता है जब तारा वास्तव में एक द्वितारा हो और मुख्य तारे का एक सफ़ेद बौना साथी तारा हो जिस से कुछ मात्रा में बैरियम गुरुत्वाकर्षक प्रभाव से खिचकर मुख्य तारे पर आ गया हो।[2] अलफ़र्द का ऐसा ही एक साथी मिला है जो कभी अलफ़र्द की ही तरह एक नारंगी दानव था। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में अलफ़र्द भी अपनी बाहरी परत खो देगा और अपना बाक़ी जीवन एक बचे-कुचे सफ़ेद बौने के रूप में ही अंत करेगा।[3]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. Alphard Archived 2011-09-01 at the वेबैक मशीन, StarDate, April 24, 2011