जलसर्प तारामंडल
जलसर्प या हाइड्रा एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है और उस सूची का खगोलीय गोले में सब से बड़े क्षेत्र वाला तारामंडल है।[1] दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था।
- अगर आप नर जलसर्प (हाइड्रस) तारामंडल पर जानकारी ढूंढ रहें हैं तो नर जलसर्प तारामंडल का लेख देखिये
अन्य भाषाओं में
संपादित करेंअंग्रेज़ी में जलसर्प तारामंडल को "हाइड्रा कॉन्स्टॅलेशन" (Hydra constellation) कहा जाता है। इसका नाम लातिनी भाषा के 'हाइड्रा' से लिया गया है, लेकिन इसका काल्पनिक अकार पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में आधुनिक जीवविज्ञान में हाइड्रा कहलाए जाने वाले जीव का नहीं बल्कि एक पानी में रहने वाले सर्प का बनाया जाता था, जिसका रूप थोड़ा-बहुत एक अझ़दहे जैसा था। चीन के प्राचीन खगोलशास्त्र में इस तारामंडल में दो चीनी नक्षत्र आते थे, जिनके नाम नीला अझ़दहा (青龙) और सिन्दूरी पक्षी (朱雀) था।
तारे
संपादित करेंजलसर्प तारामंडल में ७५ तारे हैं जिन्हें बायर नाम दिए जा चुके हैं। इनमें से १३ के इर्द-गिर्द ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं। इस तारामंडल के कुछ ख़ास तारे और अन्य वस्तुएँ इस प्रकार हैं -
- अलफ़र्द (α Hya, Alphard) - यह एक १.९८ मैग्नीट्यूड की चमक (सापेक्ष कान्तिमान) वाला तारा जलसर्प तारामंडल का सब से रोशन तारा है। दूरबीन से देखने पर ज्ञात होता है कि वास्तव में यह एक दोहरा तारा है।
- सिग्मा हाइड्रे (σ Hya) - यह प्राचीन भारतीय खगोलशास्त्र के अश्लेशा नक्षत्र का भाग है।
- ऍप्सिलन हाइड्रे (ε Hya) - यह एक द्वितारा है।
- हाइड्रा ए (Hydra A) - यह आकाशगंगाओं का एक गुच्छा है जिस से बड़ी मात्रा में ऍक्स किरणें उत्पन्न होती हैं।
- ऍम८३ (M83) - यह मॅसिये वस्तु एक डन्डीय सर्पिल आकाशगंगा है जिसे दक्षिणी पिनव्हील आकाशगंगा भी कहा जाता है।
- ऍम६८ (M68) - यह पृथ्वी से ३३,००० प्रकाश-वर्ष दूर स्थित एक गोल तारागुच्छ है।
- ऍम४८ (M48) - यह एक खुला तारागुच्छ है जिसकी आयु ३० करोड़ वर्ष अनुमानित की गई है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ K.D. Abhyankar. "Astrophysics: Stars and Galaxies". Universities Press, 2002. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788173713811.