कार्बनिक रसायन में, ऐल्कीन (Alkene), एक असंतृप्त रासायनिक यौगिक होता है जिसमे कम से कम एक कार्बन-से-कार्बन का द्वि-बन्ध होता है।[1] इन्हें ओलेफिन, या ओलेफाइन भी कहते हैं।

सरलतम ऐल्कीन, एथिलीन का एक त्रिआयामी निदर्श

सरलतम अचक्रीय ऐल्कीन वह होते हैं जिसमे सिर्फ एक द्वि-बन्ध होता है तथा अन्य कोई प्रकार्यात्मक समूह नहीं होता। यह मिलकर एक समरूप हाइड्रोकार्बन शृंखला की रचना करते हैं जिसका साधारण सूत्र (फार्मूला) CnH2n होता है।[2]

एथिलीन (C2H4) सबसे सरल ऐल्कीन है। एल्कीनों को "ओलेफिन" भी कहा जाता है, (यह इसका एक पुराना पर्याय जो पैट्रोरसायन उद्योग में व्यापक रूप से प्रयुक्त होता है)। एरोमैटिक (सुरभित) यौगिकों को अक्सर "चक्रीय ऐल्कीन" का रूप माना जाता है, लेकिन उनकी संरचना और गुण इससे भिन्न होते हैं और वे ऐल्कीन नहीं होते।[2]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Wade, L.G. (Sixth Ed., 2006). कार्बनिक रसायन. Pearson Prentice Hall. पृ॰ 279. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर