अल्ताफ़ फ़ातिमा
पाकिस्तानी लेखिका
अल्ताफ़ फ़ातिमा (उर्दू: الطاف فاطمہ का संबंध रियासत पटियाला से है। वह लखनऊ में 1929[1] में पैदा हुईं। इसी जगह उन्होंने होश संभाला। और लखनऊ की सांस्कृतिक परंपराओं का प्रभाव उनके व्यक्तित्व पर पड़ा। देश की तकसीम के बाद वह अपने परिवार के साथ लाहोर आ गई। यहां महिला मीकलीगन कॉलेज से बीएड किया। इसके बाद उर्दू साहित्य में एमए करने के बाद महिलाओं के लिए इस्लामिया कॉलेज लाहौर में उर्दू शिक्षक नियुक्त हुई। अल्ताफ़ फ़ातिमा के अफ़साने देश प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। तीन नावल निशान महफ़िल, दस्तक न दो और चलता मुसाफ़िर छप गए हैं। (उर्दू में जीवनीकार) एक अच्छी आलोचना की किताब है। एक कहानी-संग्रह 'वो जिसे चाहा गया' भी प्रकाशित हो चुका है।
अल्ताफ़ फ़ातिमा | |
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स्थानीय नाम | الطاف فاطمہ |
जन्म | 10 जून 1927 लखनऊ, भारत |
पेशा | Academic, Novelist |
राष्ट्रीयता | पाकिस्तान |
रचनाएँ
संपादित करेंउपन्यास
- निशान-ए-महफ़िल
- दस्तक न दो
- चलता मुसाफ़िर
- ख्वाबगाह
- नग़मे का क़ातिल
कहानी-संग्रह
- वो जिसे चाहा गया
- जब दीवारें गिरा करती हैं
- तार-ए-उन्काबूत
- कन्डक्टर
अनुवाद
- To Kill A Mocking Bird उर्दू में
- बड़े आदमी, और उनके नज़रियात, राजनीतिक निबंधों का एक संग्रह
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अप्रैल 2017.