अवचेतन (सब-कांशस) - जो चेतना में न होने पर भी थोड़ा प्रयास करने से चेतना में लाया जा सके। उन भावनाओं, इच्छाओं तथा कल्पनाओं का संगठित नाम जो मानव के व्यवहार को अचेतन की भाँति अज्ञात रूप से प्रभावित करती रहने पर भी चेतना की पहुँच के बाहर नहीं हैं और जिनको वह अपनी भावनाओं, इच्छाओं तथा कल्पनाओं के रूप में स्वीकार कर सकता है। मानसिक जगत में इसका स्थान अहम्‌ तथा अचेतन व चेतन के बीच माना गया है।

अवचेतन मन (Subconscious Mind)- जो हैं वो एक ऐसा खतरनाक ब्रह्मास्त्र है जिसे अगर आपको सही से इस्तेमाल करना आ जाए तो आप इस पुरे विश्व में अपने नाम का डंका बजा सकते हैं। लेकिन अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग में कोई गड़बड़ी हो जाए तो ये जितना शक्तिशाली है उससे कई गुना खतरनाक भी साबित हो सकता है। अवचेतन मन को गहराई से समझने के लिए एक उदाहरण का सहारा लेते है-

उदाहरण- अवचेतन मन की शक्ति एक ऐसी उपजाऊ मिट्टी हैं जिसमें विचाररूपी बीज (अच्छे या बुरे) सभी प्रकार के बीजों को बोया जाए तो यह अवचेतन मन की उपजाऊ मिट्टी उन सभी प्रकार के बीजों को उगाकर उनका अस्तित्व पैदा कर देती हैं चाहे वो बीज कांटेदार पेड़ के बुरे विचार (Nagative Thoughts) हो या फिर मीठे फल देने वाले पेड़ के अच्छे विचार। यहां पर मिट्टी का दोष नही है, दोष है बोए गए बीज का। क्योंकि उसी मिट्टी में मिर्ची भी उगती है तो गन्ने की फसल भी, गेहूं भी अंकुरित होता हैं तो नीम जैसे कड़वे पेड़ भी उसी मिट्टी से उपजते हैं।

इसीलिए पुरानी कहावत है की जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे।

किसी भेदभाव के सभी प्रकार के बीजों को समान रूप से पोषण देती है और उन्हें अंकुरित करती है। ठीक उसी प्रकार हमारा अवचेतन मन भी काम करता है। ये बस विचारो कि प्रकृति के अनुसार प्रतिक्रिया देता है। चाहे वो दिए गए विचार नकारात्मक हो या फिर सकारात्मक।

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