अवायवीय श्वसन जीवों की कोशिकाओं में ऐसा श्वसन होता है जिसमें ऑक्सीजन की बजाय किसी अन्य तत्व या यौगिक को आक्सीकारक के रूप में प्रयोग करा जाए। वायवीय जीवों की श्वसन प्रक्रिया में आण्विक ऑक्सीजन का प्रयोग होता है जो एक बहुत शक्तिशाली आक्सीकारक होता है। अवायवीय जीवों में सल्फेट (SO42−), नाइट्रेट (NO3), गंधक (S) और फ्यूमारेट जैसे कम-शक्तिशाली आक्सीकारक प्रयोग होते हैं। इसलिए, साधारण रूप से, अवायवीय श्वसन को वायवीय श्वसन से कम दक्ष माना जाता है।[1][2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Slonczewski, Joan L.; Foster, John W. (2011). Microbiology : An Evolving Science (2nd ed.). New York: W.W. Norton. p. 166. ISBN 9780393934472.
  2. Pester, Michael; Knorr, Klaus-Holger; Friedrich, Michael W.; Wagner, Michael; Loy, Alexander (2012-01-01). "Sulfate-reducing microorganisms in wetlands - fameless actors in carbon cycling and climate change". Frontiers in Microbiology. 3: 72. PMID 22403575. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1664-302X. डीओआइ:10.3389/fmicb.2012.00072. पी॰एम॰सी॰ 3289269.