अशोक खेमका
अशोक खेमका भारत के हरियाणा राज्य में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं।[1]
अशोक खेमका | |
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जन्म |
30 अप्रैल 1965 कोलकाता, पश्चिम बंगाल राज्य |
राष्ट्रीयता | भारत |
शिक्षा |
प्रौद्योगिकी स्नातक, एमबीए कंप्यूटर विज्ञान में पीएचडी |
शिक्षा की जगह |
आईआईटी खड़गपुर टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुंबई |
संगठन | भारत सरकार |
प्रसिद्धि का कारण | भ्रष्टाचार उन्मूलन |
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संपादित करेंअशोक खेमका का जन्म भारत के पूर्वोत्तर राज्य बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था। उन्होंने 1988 में प्रौद्योगिकी खड़गपुर के भारतीय संस्थान से स्नातक और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान,मुंबई से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी और एमबीए किया हुआ है।
कार्य
संपादित करेंवह 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनके द्वारा विभागों में भ्रष्टाचार उजागर किए जाने के बाद वह बार बार हरियाणा के अपने गृह कैडर में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा स्थानांतरित किये गये हैं। खेमका 27 साल में 53 बार स्थानांतरित हुए हैं।[2][3][4]
बंसीलाल के नेतृत्व वाली हरियाणा विकास पार्टी की सरकार के दौरान डॉ॰ खेमका का कई बार तबादले हुए। ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इनलो की सरकार के दौरान डॉ॰ खेमका का पांच साल में नौ बार तबादला हुआ और निदेशक के रूप में श्रम एवं रोजगार रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग में 15 महीनों का कार्यकाल पूरा किया जो कि सेवा के 21 वर्षों के दौरान अपने सबसे लंबा समय है। भूपेंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार के दौरान डॉ॰ खेमका का कई बार तबादले हुए | हर बार खेमका ने अपने तबादले को ले कर मिडिया में सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की।
मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार के दौरान डॉ॰ खेमका का कई बार तबादले हुए 2017 नवम्बर में अशोक खेमका 26 वर्षों की जॉब में 51 बार तबादला हुआ है यह तबादला भाजपा सरकार के शाशन काल में 6 या 7 बार हो रहा है। अब की बार इन्हें इनके सबसे बड़े हितैषी अनिल विज के विभाग में किया गया है।
मौत की धमकी
संपादित करेंकांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच संदिग्ध भूमि सौदों पर राज्य सरकार कार्यवाही करने वाले श्री खेमका को मौत की धमकी तक प्राप्त हुई। यह शिकायत HSDC मुख्य प्रबंधक के.आर.शर्मा ने पंचकूला पुलिस के पास दर्ज कराई।
विवाद
संपादित करेंखेमका हाल ही में हरियाणा के महानिदेशक भूमि और भूमि पंजीकरण के रिकार्ड व महानिरीक्षक थे। विभाग में अपने 80 दिन के कार्यकाल के दौरान, खेमका ने नव निर्मित रियल एस्टेट कंपनियों के लिए रुपयों की कई सौ करोड़ रुपये मूल्य की पंचायत भूमि के हस्तांतरण को शामिल भूमि लेनदेन में गंभीर अनियमितताओं का पता लगाया था।
पुरस्कार
संपादित करें'भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध' के लिए - '2011 एसआर जिंदल पुरस्कार' से सम्मानित किया। उच्च पदों पर भ्रष्टाचार को उजागर करने में उनकी निडर प्रयासों के लिए श्री संजीव चतुर्वेदी के साथ 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "हर तबादले में कुछ खोने का अहसास होता है: अशोक खेमका". मूल से 21 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जुलाई 2018.
- ↑ "आईएएस अधिकारी अशोक खेमका फिर से हस्तांतरित". मूल से 29 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अगस्त 2013.
- ↑ "ध्यानाकर्षक अशोक खेमका ताजा मौत की धमकी मिलती है, प्राथमिकी दर्ज". मूल से 5 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अगस्त 2013.
- ↑ "अशोक खेमका का दावा, रॉबर्ट वाड्रा ने जमीन के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया". मूल से 13 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अगस्त 2013.
[[श्रेणी:भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकार))