अहमदनगर

भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित शहर
(अहमदनगर शहर से अनुप्रेषित)

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केदारेश्वर मंदिर

अहमदनगर भारत के महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]

 
मेहेर बाबा की समाधी

अहमदनगर निज़ामशाही सुल्तानों की राजधानी थी, जिन्होंने 1490 ई. में दक्खिन में बहमनी सल्तनत की एक नई शाखा की स्थापना की। अहमदनगर की स्थापना इस वंश के पहले सुल्तान अहमद निज़ामशाह ने की। अहमदनगर का इतिहास, वहाँ की शहज़ादी और बीजापुर के अली आदिलशाह की विधवा चाँदबीबी द्वारा 1595-1596 में बादशाह अकबर के बेटे युवराज मुराद का वीरतापूर्ण प्रतिरोध तथा मलिक अम्बर की सैनिक एवं प्रशासनिक कुशलता के कारण अधिक रोचक एवं महत्वपूर्ण है। बादशाह अकबर ने जब इस पर हमला किया तो, चाँदबीबी ने उसकी सेनाओं का डट कर मुकाबला किया, परन्तु अंत में बादशाह अकबर की विजय हुई। 1637 ई. में बादशाह शाहजहाँ ने अहमदनगर को मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया और उसके बाद इस नगर का महत्त्व घट गया। यह अब भी एक बड़ा नगर है और इसी नाम के ज़िले का मुख्यालय है।

मलिक अम्बर की नीति

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अहमदनगर की स्वतंत्रता बनाये रखने में मलिक अम्बर का योगदान था। यह अबीसीनियाई दास था, जो बाद में अपनी योग्यता के बल पर अहमदनगर का प्रमुख वज़ीर बने। इन्होने युद्ध की छापामार पद्धति को अपनाया तथा भूमि व्यवस्था में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर रैयतवाड़ी व्यवस्था (जब्त प्रणाली) को लागू किया।

निज़ामशाही वंश के शासक बुरहान निज़ामशाह द्वितीय के शासन काल का प्रसिद्ध लेखक 'शाह ताहिर' हुए। वह फ़ारसी भाषा का उत्कृष्ट विद्वान थे। उन्होने 'फ़तहनामा', 'इन्सा-ए-ताहिर', 'तोहफा-ए-शाही' एवं 'रिशाल-ए-पाल' नामक ग्रंथो की रचना की। अहमदनगर के निज़ामशाही राज्य में 'सैय्यद अली तबतबाई' सर्वश्रेष्ठ इतिहासकार हुए। उन्होने ‘बुरहान-ए-मासीर’ नाम से निज़ामशाही वंश के सुल्तानो का इतिहास लिखा। इस पुस्तक को 'तबतबाई' ने तत्कालीन सुल्तान 'बुरहान निजामशाह द्वितीय' को समर्पित किया।

अन्य इतिहास

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चांद बीबी, सलाबत खान का मकबरा

अहमदनगर शहर का नाम प्रथम सुलतान अहमद निजाम शाह से प्रचलित हुआ है , जिन्होंने युद्ध के मैदान पर 1490 में शहर की स्थापना की ।जहां उन्होंने शक्तिशाली बहामनी बलों के खिलाफ लड़ाई जीती। यह अहमदनगर गांव की साइट के करीब था। बहमनी सल्तनत के टूटने के साथ, सुलतान अहमद ने अहमदनगर में एक नया सल्तनत स्थापित किया, जिसे निजाम शाही राजवंश भी कहा जाता है।राजवंश.[4]

अहमदनगर में निजाम शाही कालीन अनेक दर्जन इमारतें और स्थल उपलब्ध हैं। अहमदनगर किला, जिसे एक बार लगभग अपाराजित माना जाता था जिसे अंग्रेजों ने जीतकर उसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सहभागी जवाहरलाल नेहरू (भारत के पहले प्रधान मंत्री) और अन्य भारतीय राष्ट्रवादियों स्थानबद्ध करके इस किले में रखा था। कुछ कमरे एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिए गए हैं। 1 9 44 में अहमदनगर किले में अंग्रेजों द्वारा दिए गए कारावास के दौरान, नेहरू ने प्रसिद्ध पुस्तक द डिस्कवरी ऑफ इंडिया लिखा था। अहमदनगर शहर में देश के सुप्रसिध्द रक्षा विभाग के कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस), मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर (एमआईआरसी), वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (वीआरडीई) और गुणवत्ता आश्वासन वाहन (सीक्यूएवी) के नियंत्रक कार्यालय है। भारतीय सेना में आर्मड़ कोर के लिए रक्षा विभाग का प्रशिक्षण और भर्ती एसीसी और एस में होती है।

अहमदनगर अपेक्षाकृत छोटा शहर है और मुंबई और पुणे औरंगाबाद के आसपास के पश्चिमी महाराष्ट्र शहरों की तुलना में यहाँ कम विकास दिखायी देता है। अहमदनगर 19 चीनी कारखानों का घर है और सहकारी आंदोलन का जन्मस्थान भी है। बहुत कम बारिश के कारण अहमदनगर अक्सर सूखे से ग्रस्त हैं। दैनिक जीवन संचार के लिए मराठी प्राथमिक भाषा है। अहमदनगर ने हाल ही में 2031 तक शहर के विकास की योजना प्रकाशित की है।

सैन्य बेस

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अहमदनगर में भारतीय रक्षा विभाग का सुप्रसिध्द कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस), मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर (एमआईआरसी), वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (वीआरडीई) और गुणवत्ता आश्वासन वाहन (सीक्यूएवी) के नियंत्रक कार्यालय है। भारतीय सेना में आर्मड़ कोर के लिए रक्षा विभाग का प्रशिक्षण और भर्ती एसीसी और एस में होती है।। इतिहास में इस शहर में अन्य सेना के साथ ब्रिटिश सेना के रॉयल टैंक कोर / इंडियन आर्मड़ कोर का आधारभूत सैन्य बल का केंद्र था । इस शहर में दुनिया में सैन्य टैंकों का दूसरा सबसे बड़ा संग्राहालय और एशिया में सबसे बड़ा टैंक संग्राहालय है।

पश्चिमी घाट के बारिश-छाया क्षेत्र में स्थित अहमदनगर में नवंबर से मध्य जून तक मुख्य रूप से गर्म और शुष्क जलवायु का मौसम रहता है।

  • हजरत मिरावली दरगाह शाहपहाड * हजरत शाहशरिफ दरगाह * हजरत दम बारा हजारी दरगाह * हजरत जलाल शाह बुखारी दरगाह * हजरत बाबा बंगाल शाह दरगाह
  • मराठी संत संत ज्ञानेश्वर ने भगवत गीता पर एक सटिक भावार्थ दीपिका नामक ज्ञानेश्वरी ग्रंथ लिखा था।
  • शिरडी के साईं बाबा,
  • आध्यात्मिक जैन गुरु आनंद ऋषिजी,
  • आध्यात्मिक नेता संत मेहर बाबा,
  • चांद बीबी, निजामशाही राजकुमारी ने सम्राट अकबर की मुगल सेनाओं के खिलाफ युद्ध करके किले का बचाव किया था।
  • अन्ना हजारे, गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता
  • शाहू मोडक, फिल्म अभिनेता
  • सदाशिव अमरापुरकर, प्रसिद्ध फिल्म और रंगमंच अभिनेता
  • माइकल जे एस डीवर, सैद्धांतिक रसायनज्ञ
  • इंग्लिश गवर्नेस एट सियामिज कोर्ट ‍‍‍‍(1870) के लेखक अन्ना लियोनोवेन्स, शिक्षक, नारीवादी,
  • लेखक प्रमोद कांबले, चित्रकार और मूर्तिकार
  • जहीर खान, क्रिकेट खिलाड़ी
  • अजिंक्य रहाणे, क्रिकेटर
  • किरण बेरड ,प्रसिद्ध लेेखक, संंवाद दाता
  • स्पाइक मिलिगन, 1 918-2002, हास्य अभिनेता और लेखक
  • सिंथिया फरार, अमेरिकी मिशनरी
  • अमोल बागुल,सर्वाधिक मात्रा मे पुरस्कार विजेता

उल्लेखनीय स्थल

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हरिशचंदेश्वर मंदिर
 
फराह बाग, १८८० के दशक में
 
रतनगड किला

अहमदनगर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में मुग़ल महल, बाग़ व चांद बिबी का मकबरा व अहमद निज़ाम शाह का क़िला है, जहाँ 1940 में पंडित नेहरु नज़रबंद रहे। पर्यटकों के देखने के लिए यहां अनेक विरासतें हैं। अहमदनगर के अनेक क़िले, मंदिर आदि सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। संत कवि महिपति महाराज, सोलाहवीं सदी के संत कवि जिन्होंने भारतीय संतों का पद्यमय परिचय संत लीलामृत, भक्ति विजय आदि ग्रंथों के द्वारा दिया है। उनका समाधि स्थल ताहराबाद, ता.राहूरी जि.अहमदनगर स्थित है। उनका कुलनाम कांबळे है जो कर्नाटक की सीमा से राहूरी आए थे। देशस्थ ऋवेदी ब्राह्मण जो कुलकर्णी का काम देखते थें। उनकी रचनाओं का अँग्रेजी अनुवाद राहूरी के ईसाई धर्मगुरु ने किया था जिसका प्रकाशन अमरिका में किया गया था।

  • चांद बीबी पैलेस - यह असल में सलाबत खान का मकबरा है, यह अहमदनगर शहर से 13 किमी बारदरी गाव मे एक पहाड़ी (शहाडोंगर) की चोटी पर स्थित एक ठोस तीन मंजिला पत्थर से बनी इमारत है इसे चांदबीबी महाल भी कहते है
  • मेहेराबाद, जहां आध्यात्मिक गुरु मेहर बाबा की समाधि (मकबरा) जो एक तीर्थयात्रा का एक स्थान है, हर साल हजारों लोगों द्वारा खासकर उनकी मृत्यु की सालगिरह, अमरतीथि पर दर्शन हेतु पधारते है। उनका बाद का निवास अहमदनगर के उत्तर में लगभग 9 मील उत्तर में मेहेराज़ाद (पिंपलगाँव गांव के पास) था।
  • अहमदनगर किला (भूईकोट किला) - 1490 में अहमद निजाम शाह द्वारा निर्मित, यह भारत में सबसे अच्छी तरह से डिजाइन और सबसे अजेय किलों में से एक है। 2013 तक, यह भारत के रक्षा विभाग के नियंत्रण में है। आकार में ओवल, 18 मीटर ऊंची दीवारों और 24 सीटडेल के साथ, इसकी रक्षा प्रणाली में 30 मीटर चौड़ा और 4 से 6 मीटर गहराई शामिल है। किले के लिए दो प्रवेश द्वार ड्रब्रिज द्वारा उपयोग किए जाते हैं। अनगिनत हमलों के बाद भी अहमदनगर किला अभेद्य और सुरक्षित रहा है। मुगल शासन के समय से कई बार अनेक राजाओं के नियंत्रण में यह किला आ गया हैं, और कई बार शाही जेल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पूरी कांग्रेस कार्यकारिणी को हिरासत में लिया गया था। जवाहरलाल नेहरू, जो भारत के पहले प्रधान मंत्री बने, उन्होंने अपनी पुस्तक द डिस्कवरी ऑफ इंडिया 1942-1945 के कारावास के दौरान लिखा था। किले के कुछ कमरों को नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की याद में एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है।
  • कैवेलरी टैंक संग्रहालय -आर्मड़ कोर सेंटर और स्कूल ने 20 वीं शताब्दी के लष्करी युद्ध वाहनों के व्यापक संग्रह के साथ एक संग्रहालय बनाया है।
  • विशाल गणपति मंदिर - अहमदनगर शहर के मालिवाड़ा इलाके में गणेशजी की भव्य प्रतिमा का मंदिर।
  • रेणुका / दुर्गा देवी मंदिर - यह मंदिर केडगांव में स्थित है (अहमदनगर रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किमी, अहमदनगर एसटी बस स्टैंड से 5 किमी) जो नगर-पुणे राजमार्ग के पास है। नवरात्रि (नौ रातों) त्यौहार देवी दुर्गा और राक्षस राजा महिषासुर के बीच युद्ध की नौ रातों का उत्सव है। आखिर में देवी दुर्गा ने नौवीं रात महिषासुर की हत्या कर दी और इस प्रकार त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • रेहेकुरी ब्लैकबक अभयारण्य: यह अहमदनगर जिले के कर्जत तालुका में स्थित है। अभयारण्य का क्षेत्र 2.17 किमी 2 है।
  • सिद्धायक सिद्धिविनायक - भगवान गणेश का मंदिर।
  • शिरडी - सम्मानित संत साईं बाबा द्वारा आशीर्वादित गांव, हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा सम्मानित, अहमदनगर शहर से लगभग 83 किमी दूर।
  • रालेगण सिद्धी - एक गांव जो पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मॉडल है। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे रालेगण सिद्धी से हैं।
  • पिंपरी गवली- अहमदनगर जिले के पार्नेर तालुका में एक गांव है। यह अहमदनगर से लगभग 25 किमी दूर स्थित है और यह वाटरशेड विकास और कृषि व्यवसाय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इस गांव ने डीप सीसीटी संरचनाओं और भूजल विनियमन और प्रबंधन के माध्यम से वर्षा जल संचयन में बहुत ही बुनियादी कार्य किया है। गांवों के किसान स्वयं सहायता समूहों ने अपनी कृषि वस्तु के मूल्यवर्धन के लिए निर्माता कंपनी का गठन किया। इस गांव में भागीदारी दृष्टिकोण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षित है।
  • शिंगणापुर - एक गांव जिसमें एक शनि (ग्रह शनि) मंदिर है और जहां सभी घरों पर दरवाजा नहीं हैं-शायद दुनिया का एकमात्र गांव जहां ताले अनावश्यक हैं।
  • हरिश्चंद्रगढ़ - एक पहाड़ी किला।
  • आव्हाणे , शेवगांव - गणेश का मंदिर (निद्रिस्त गणेश जी की प्रतिमा )।
  • श्री मुंजोबा मंदिर, उक्कडगांव- अहमदनगर मुख्य शहर से 60 किमी दूर श्रिगोंडा तालुका में गणपति, महादेव (शंकर), विष्णु और हनुमान मंदिर की चार बड़ी मूर्तियों के साथ यह बहुत खूबसूरत मंदिर है और हजारों भक्त इस स्थान पर जाते हैं।
  • जामगांव- महादाजी शिंदे द्वारा निर्मित ऐतिहासिक 18 वीं शताब्दी का महल पारनेर तालुका में स्थित है ।
  • श्री खंडोबा के श्री क्षेत्र कोरठाण खंडोबा देवस्थान मंदिर।
  • महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ राहुरी में एक कृषि विश्वविद्यालय है, जिसका नाम 1 9वीं शताब्दी के कार्यकर्ता और सामाजिक सुधारक के नाम पर रखा गया है- राज्य के चार कृषि विश्वविद्यालयों में से एक।

अहमदनगर शहर में सेप्लेन सेवा द्वारा हवाई कनेक्टिविटी है। सेप्लेन के लिए बंदरगाह मुला बांध जल जलाशय में स्थित है, अहमदनगर शहर से 30km मिनट दूर है। मेरिटाइम एनर्जी हेली एयर सर्विसेज प्राइवेट द्वारा दी जाने वाली सेवा (MEHAIR)। 22 सितंबर 2014 से कार्यरत। जुहू, मुंबई से मुला बांध तक उपलब्ध है। यह सेवा अब बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को मेहराबाद, शिरडी और शनि शिंगनपुर की पवित्र स्थलों पर यात्रा करने में सक्षम बनाती है ताकि वे अपने गंतव्य तक जल्दी और आसानी से यात्रा कर सकें।

अहमदनगर रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड: एएनजी) भारतीय रेलवे के केंद्रीय रेलवे क्षेत्र के सोलापुर डिवीजन से संबंधित है। अहमदनगर में पुणे, मनमाड, कोपरगाव, शिर्डी, दौंड, गोवा, नाशिक और नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर, अहमदाबाद जैसे अन्य मेट्रो शहरों के साथ रेल कनेक्टिविटी है। इस स्टेशन पर 41 एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती हैं। भारत के अन्य प्रमुख शहरों में सीधी रेल कनेक्टिविटी की मांग अभी भी है।

अहमदनगर महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के प्रमुख शहरों के साथ सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। अहमदनगर से औरंगाबाद , परभणी, नांदेड़, पुणे, नाशिक, बीड, सोलापुर, उस्मानाबाद के लिए 4 लेन सड़क कनेक्टिविटी है। कल्याण से तेलंगाना में आदिलाबाद के पास निर्मल तक राष्ट्रीय राजमार्ग 222(सद्य स्थिति में राष्ट्रीय महामार्ग 61) शहर से गुजरता है। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) और विभिन्न निजी परिवहन ऑपरेटर राज्य के सभी हिस्सों में शहर को जोड़ने वाली बस सेवा प्रदान करते हैं।

अहमदनगर 3 मुख्य बस सेवाएं उपलब्ध है:

  • एमएसआरटीसी तारकपुर बस स्टैंड - अहमदनगर के माध्यम से जाने वाली सभी बसें, यहां रुकती है।
  • मालिवाडा बस स्टैंड - औरंगाबाद/ जलगांव / अकोला जाने वाली बसें यहां रुकती हैं।
  • पुणे बस स्टैंड - पुणे / मुंबई जाने वाली बसें यहां रुकती हैं।

अहमदनगर नगर परिषद को 2003 में महानगर निगम की स्थिति में अपग्रेड कर दिया गया था।

कृषि और खनिज

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आसपास के क्षेत्रों का मुख्य पेशा कृषि है, लेकिन वर्षा की स्थिति अत्यन्त अविश्वसनीय होने के कारण खाद्यान्न की कमी एक चिरस्थायी समस्या है। बाजरा, गेहूँ और कपास इस क्षेत्र की प्रमुख शुष्क फ़सलें हैं, जबकि गन्ना सबसे महत्त्वपूर्ण सिचिंत फ़सल है। उद्योगों में चीनी प्रसंस्करण तथा कपास ओटाई व गांठ बनाने का काम प्रमुख है।

अर्थतंत्र

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यहाँ मुख्यतः सूती वस्त्र और चर्म-परिशोधन का उद्योग होता है। यह एक व्यावसायिक केन्द्र भी है। अहमदनगर जिला में सबसे जादा चीनी के कारखाने हैं। अहमदनगर में सबसे पहेला चीनी कारखाना बना। यहा काइनेटिक जैसी कंपनियों के संयंत्र हैं। शहर में नागापुर एक बड़ा औद्योगिक क्ष्रेत्र हैं। शहर में (VRDE) जेसे केंद्र स्थापित क्ष्रेत्र है।

अहमदनगर शहर व्यापार और अर्थव्यवस्था के सामने एक बहुत ही उज्ज्वल भविष्य रखता है। आखिरकार, यह एक प्रसिद्ध तथ्य है कि शहर में आर्थिक विकास के लिए अत्यधिक अप्रत्याशित क्षमता है। अहमदनगर जिले में पहले से ही महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा चीनी सहकारी कारखानों की संख्या है, जो अहमदनगर जिले के अहमदनगर शहर के साथ-साथ कई कस्बों और गांवों के आर्थिक विकास का मुख्य चालक भी है।

अहमदनगर के विनिर्माण क्षेत्र

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यह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र है कि अहमदनगर आने वाले दशकों में अपनी आर्थिक वृद्धि को लेकर उत्सुकता से देख रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार और अहमदनगर के स्थानीय प्रशासकों को पूरी तरह से पता है कि अहमदनगर को आर्थिक रूप से शक्तिशाली खिलाड़ी बनाने और कम कृषि क्षेत्र द्वारा उत्पन्न कम आर्थिक विकास की भरपाई करने के लिए इन दोनों क्षेत्रों का विकास बहुत महत्वपूर्ण है।

विनिर्माण पक्ष पर, अहमदनगर पहले ही एक बड़ी प्रगति कर चुका है। अहमदनगर शहर के बाहरी इलाके में स्थित विशाल एमआईडीसी (महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम) क्षेत्र पहले से ही 42 बड़े पैमाने पर उद्योग समेत 200 से अधिक उद्योगों का घर है। सन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, क्रॉम्प्टन ग्रीव्स लिमिटेड और काइनेटिक इंजीनियरिंग जैसी प्रशंसित भारतीय कंपनियां लिमिटेड एमआईडीसी क्षेत्र में अपने कारखानों है। इसके अलावा, वीडियोकॉन और किर्लोस्कर जैसी अन्य प्रशंसित भारतीय कंपनियों में अहमदनगर शहर के अन्य हिस्सों में भी उनकी कारखानियां हैं।

कहने की जरूरत नहीं है, आज ये उद्योग अहमदनगर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, क्योंकि वे स्थानीय लोगों के लिए भारी रोजगार पैदा करते हैं। अनुमान है कि अहमदनगर शहर के 1 लाख से अधिक लोग एमआईडीसी और अहमदनगर शहर के अन्य क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उद्योगों में कार्यरत हैं। हालांकि, अहमदनगर की औद्योगिक क्षेत्र में सभ्य सफलता सेवा क्षेत्र में इसके कम प्रदर्शन से काफी बाधित है। वास्तव में, कुछ बैंकों के अलावा, वित्त कंपनियों और सॉफ्टवेयर कंपनियों अहमदनगर के पास सेवा क्षेत्र के सामने दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। सेवा क्षेत्र में बहुत जरूरी उछाल देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एमआईडीसी क्षेत्र में एक आईटी पार्क का निर्माण किया है, लेकिन किसी भी प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों या अंतरराष्ट्रीय आईटी कंपनियों ने अभी तक एक शाखा खोलना नहीं है। सेवा क्षेत्र में अहमदनगर की विफलता मुख्य रूप से आवश्यक कौशल की कमी और प्रशासन की उदासीनता के कारण भी हो सकती है।

अहमदनगर में कृषि

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अहमदनगर का कृषि क्षेत्र हमेशा लाभदायक रहा है। यह इस तथ्य के कारण है कि पूरे अहमदनगर जिले सूखे क्षेत्र में आता है। और इसलिए सभी कृषि भूमि, जो मुख्य रूप से अहमदनगर के आस-पास के कस्बों / गांवों में केंद्रित हैं, आज भी दुर्लभ खाद्य अनाज उत्पादन का उत्पादन जारी रखते हैं। कृषि क्षेत्र से बहुत कम या कोई मदद नहीं, यह निष्कर्ष निकालना पर्याप्त है कि अहमदनगर की आर्थिक किस्मत आने में दशकों अपने सेवा क्षेत्र के पुनरुद्धार और विनिर्माण क्षेत्र के आगे विकास पर काफी निर्भर हैं।

मीडिया और संचार

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  • समाचार पत्र: लोकमत, सकाळ, पुण्यनगरी, सामना, लोकसत्ता, नव मराठा, नगर टाइम्स, दिव्य मराठी, महाराष्ट्र टाइम्स, समाचार, सावेडी मित्र
  • टीवी चैनल: सीएमएन चैनल
  • रेडियो: 104 मेरा एफएम, एयर नगर एफएम, रेडियो सिटी, धामाल 24, रेडियो नगर एफएम
  • इंटरनेट: कई सुविधाएं आपूर्तिकर्ताओं द्वारा प्रदान की जाती हैं

संस्थायें

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अहमदनगर की शिक्षा संस्थाओं में विद्यार्थी राज्य के सभी भागों से आते हैं। यहां कई सरकारी एवं प्राइवेट सन्स्थान हैं जो कला, विज्ञान, प्रोद्योगिकी, आयुर्विज्ञान, कानून और मैनेजमेंट की शिक्षा प्रदान करते हैं। अहमदनगर कॉलेज की स्थापना 1947 में हुई थी। जिले के कुछ प्रमुख कॉलेज निम्न हैं:

  • संजीवनी रुरल एज्युकेशन सोसायटीज् अभियांत्रिकी महाविद्यालय, कोपरगाव.
  • दादा चौधरी विद्यालय
  • सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज
  • भाऊसाहेब फिरोदिया हायस्कूल
  • न्यु आर्ट्स कॉलेज
  • अहमदनगर कॉलेज
  • पेमराज सारडा कॉलेज
  • गंगाधर शास्त्री गुणे आयुर्वेद कॉलेज
  • विखे पाटिल मेडिकल कॉलेज
  • विखे पाटील अभियांत्रिकी कॉलेज
  • विश्वभारती अभियांत्रिकी कॉलेज
  • अश्विन रूरल आयुर्वेद कॉलेज एंड हॉस्पिटल
  • काकासाहेब म्हस्के होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट
  • श्री यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल मेडिकल एंड रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
  • प्रवर इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस: रूरल डेंटल कॉलेज
  • पद्मश्री डॉ विट्ठलराव पाटिल फाउंडेशन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
  • नेशनल मेडिकल कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंस

इन्हें भी देखें

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  1. "RBS Visitors Guide India: Maharashtra Travel Guide Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Ashutosh Goyal, Data and Expo India Pvt. Ltd., 2015, ISBN 9789380844831
  2. "Mystical, Magical Maharashtra Archived 2019-06-30 at the वेबैक मशीन," Milind Gunaji, Popular Prakashan, 2010, ISBN 9788179914458