अहमदाबाद-मुंबई मुख्य रेलमार्ग
अहमदाबाद-मुंबई मुख्य रेलमार्ग, भारतीय रेलवे के पश्चिमी रेलवे खंड का एक रेल मार्ग है। यह भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त रेलवे मार्गों में से एक है, और पूरी तरह से विद्युतीकृत है।
अहमदाबाद-मुंबई मुख्य रेलमार्ग | |||
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अवलोकन | |||
मूल नाम | અમદાવાદ - મુંબઇ મુખ્ય લાઇન | ||
स्थिति | संचालित | ||
स्वामित्व | भारतीय रेलवे | ||
स्थान | गुजरात, महाराष्ट्र | ||
प्रारंभ/समापन | |||
सेवा | |||
प्रणाली | विद्युतीकृत | ||
संचालक | पश्चिम रेलवे | ||
इतिहास | |||
प्रारंभ | 20 जनवरी 1863 | ||
तकनीकी | |||
लाइन/रेखा लंबाई | 493 कि॰मी॰ (306 मील) | ||
ट्रैक संख्या | 2 | ||
रेल गेज | 1,676 mm (5 ft 6 in) ब्रॉड गेज | ||
विद्युतीकरण | 25 केवी 50 Hz एसी ओएचएलई पुर्णत: संचालित | ||
संचालन गति | 160 किमी/घं तक | ||
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अहमदाबाद-मुंबई कॉरिडोर वड़ोदरा, भरूच, सूरत, अंकलेश्वर, वापी, दहानू रोड और पालघर जैसे कुछ प्रमुख औद्योगिक शहरों से होकर गुजरता है। व्यापार और काम के लिए इन औद्योगिक समूहों के बीच दैनिक और नियमित रूप से आवागमन होता है। यह अहमदाबाद-मुंबई रेलमार्ग को सबसे अधिक जरूरतमंद और जनता के लिए सबसे फायदेमंद बनाता है।
इतिहास
संपादित करें- 1855 में, बंबई, बड़ौदा और मध्य भारत रेलवे कंपनी (BB & CI) ने 2 जुलाई को ब्रिटिश संसद के अधिनियम द्वारा निगमित, BB & CI ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ 21 नवंबर को सूरत और बड़ौदा और अहमदाबाद से रेलवे मार्ग के निर्माण के लिए हस्ताक्षर किए।
- 1860 में, बी बी एंड सीआई ने अंकलेश्वर से उट्रान का उद्घाटन किया और सूरत रेलवे स्टेशन का पहला खंड बनाया गया था और यह एशिया का पहला रेलवे स्टेशन था जो पहली मंजिल (भूतल स्तर से ऊपर) पर प्लेटफार्म बनाया गया।
- 1862 में, एशिया की पहली नैरो गेज लाइन डभोई और मियागम (वडोदरा के पास) के बीच चालू की गई और साथ ही बीबी एंड सीआई ने दुनिया का पहला डबल डेकर कोच सामने रखा।
- 20 जनवरी 1863 को, पहली ट्रेन को अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन से सूरत के लिए रवाना किया गया। [1]
- 1864 में, BB & CI ट्रेन मुंबई पहुंचती है, ग्रांट रोड से वलसाड के बीच चली।
- 1870 में, BBCI रेलवे अहमदाबाद और बॉम्बे के बीच सीधी ट्रेन चलाई गई।
- 1987 में, पश्चिमी रेलवे के माध्यम से दिल्ली-बॉम्बे के विद्युतीकृत ट्रंक मार्ग को चालू किया गया।[2]
ट्रेन
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गतिसीमा
संपादित करेंअधिकांश अहमदाबाद-मुंबई मुख्य रेलमार्ग को 'ए' क्लास मार्ग के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जहाँ ट्रेनें 160 प्रति घंटे किमी तक की गति से चल सकती हैं, लेकिन कुछ खंडो में गति 120-130 किमी प्रति घंटा तक सीमित हो सकती है।
2015 तक, इस लाइन पर ट्रेनों की औसत गति 70-80 किमी प्रति घंटे है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "First train chugged out of Ahmedabad 154 years ago - Times of India". The Times of India. मूल से 18 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 February 2017.
- ↑ "History of Electrification". IRFCA. मूल से 19 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 June 2013.