आईआरएनएसएस-१ई
आईआरएनएसएस-1ई (अंग्रेज़ी: IRNSS-1E) अंतरिक्ष उपग्रह नौवहन प्रणाली का 7 में से पाँचवाँ उपग्रह है जिसे 20 जनवरी 2016 को सतीश धवन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। आईआरएनएसएस उपग्रह मंडल की सात उपग्रहों में से यह पांचवाँ उपग्रह भारत और आस पास के क्षेत्रों में दिशासूचक प्रणालियों व युक्तिओं को निर्देशांक आधारित आँकणे व नौवहन क्षमताएँ बढाने के लिये बनाया और प्रक्षेपित किया गया। उपग्रह को भूसमकालिक कक्षा में भेजा गया।[2]
मिशन प्रकार | नौवहन |
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संचालक (ऑपरेटर) | इसरो |
मिशन अवधि | 10 साल |
अंतरिक्ष यान के गुण | |
बस | l-1K |
निर्माता |
इसरो उपग्रह केंद्र अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र |
लॉन्च वजन | 1,380 किलोग्राम (3,040 पौंड) |
ऊर्जा | 1,300 वाट्स |
मिशन का आरंभ | |
प्रक्षेपण तिथि | 20 जनवरी 2016 09:31 |
रॉकेट | पीएसएलवी-सी31 |
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र[1] |
ठेकेदार | इसरो |
कक्षीय मापदण्ड | |
निर्देश प्रणाली | जिओसेंट्रिक |
काल | जिओसिंक्रोन्स |
उपग्रह
संपादित करेंयह उपग्रह भारत की उपग्रह आधारित नौवहन प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटक है। विकसित हो रही यह क्षेत्रीय दिशासूचक व नौवहन प्रणाली दक्षिण एशिया तक सीमित होगी। १ई अपनी श्रेणी के अन्य उपग्रहों के साथ मिलकर इस क्षेत्र में नौवहन, निर्देशांक, मानचित्रण इत्यादि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।[3]
इस उपग्रह के दो पेलोड हैं: एक नौवहन उपभार व दूसरा रेंजिंग उपकरण लेज़र रेट्रो-प्रवर्तक के साथ। यह उपकरण नौवहन तरंगे (सिग्नल) L5 और एस-बैंड में छोड़ता है। इसमें बेहद सटीक रूबेडियम आणविक घड़ी भी है। [4] रेंजिंग पेलोड में सी बैंड का ट्रांसपोंडर है जो उपग्रह की पहुंच पता लगाने में सहायक है। [4] इस पेलोड की संरचना इसे आत्मनिर्भर, साथ काम करने वाली व जीपीएस और गैलिलियो के अनुकूल बनाती है।[2] उपग्रह दो सौर उर्ज़ा पैनलों द्वारा बिजली प्राप्त करता है। इन सौर पैनलों से 1660 वाट की ऊर्जा पैदा होती है। यह उपग्रह दस वर्षों तक काम करने के लिये बनाया गया है।
प्रमोचन यान(लॉन्च व्हीकल)
संपादित करेंध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) ने अपनी तैतीसवीं उड़ान (पीएसएलवी-सी31) में आईआरएनएसएस-1ई को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया। यह प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे प्लैटफॉर्म पर हुआ। आईआरएनएसएस के पिछले चारों उपग्रहों के प्रक्षेपण की ही तरह इस बार भी पीएसएलवी-सी31 ने अपने 'एक्स-एल' संस्करण का उपयोग किया। एक्स-एल संस्करण को अब तक 11 बार उपयोग किया जा चुका है। [5]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "PSLV-C31/IRNSS-1E - ISRO". www.isro.gov.in. मूल से 14 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जनवरी 2016.
- ↑ अ आ "IRNSS". space.skyrocket.de. मूल से 29 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 दिसम्बर 2014.
- ↑ "ISRO: After GSLV launch, PSLV C24 with IRNSS-1B likely in March". इन्डिया टीवी. 5 जनवरी 2014. मूल से 6 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 January 2014.
- ↑ अ आ "IRNSS-1E". इसरो. २०-०१-२०१६. मूल से 14 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २०-०१-२०१६.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ PSLV-C31/IRNSS-1E Archived 2016-01-14 at the वेबैक मशीन, ISRO. Retrieved 14 January 2016