आईब्रो थ्रेडिंग
यह आईब्रो (भौंह) के बाल हटाने की एक प्रक्रिया है जिसमें सूती (कॉटन) धागे का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे आईब्रो के अनावश्यक बालों को बड़ी ही आसान तरीके से हटा कर सुंदर और सुडौल आकार प्राप्त किया जाता है। वैसे आईब्रो की थ्रेडिंग अपने चेहरे के हिसाब से करवानी चाहिए।[1] आईब्रो थ्रेडिंग का नाम आते ही सबसे पहला चेहरा महिलाओं का आता है मगर खुद को खूबसूरत दिखाने की होड़ में पुरुष भी पीछे नहीं हैं। वे भी खुद को आकर्षक दिखाने के लिए आईब्रो थ्रेडिंग का इस्तेमाल करने के लिए पार्लर जाते हैं। वैसे आजकल आईब्रो थ्रेडिंग करवाना बेहद आम बात है।[2]
आईब्रो थ्रेडिंग का इतिहास :
संपादित करेंआईब्रो थ्रेडिंग की शुरुवात कब से हुयी इसका कोई पुख्ता सुबूत नहीं है, फिर भी बहुत से लोगों का यह मानना है कि आईब्रो (भौंह) से अनचाहे बालों को निकालने और उसको एक सुन्दर आकार देने की यह तकनीक लगभग ६००० वर्ष पुरानी है। इसकी उत्पत्ति और विस्तार में भारत, ईरान, तथा पूर्वी संस्कृतियों का बहुत बड़ा योगदान है।
आईब्रो थ्रेडिंग के इतिहास पर थोड़ा और नज़र डालने पर यह भी समझ में आता है कि यह सिर्फ आईब्रो (भौंह) से एक धागे की मदद से बाल निकालने की तकनीक भर नहीं थी बल्कि यह (आईब्रो थ्रेडिंग) एक कला के रूप में उभरी एक तूफानी लहर जैसी थी जो न जाने कितने साल दर साल से पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होती रही है जिसे महिलाओं ने अपनी खूबसूरती को निखारने में बढ़-चढ़ कर इस्तेमाल किया।
१९८० के दशक में, अमेरिका में आईब्रो को सुन्दर बनाने के लिए आईब्रो थ्रेडिंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल शुरू हुआ। जिसमें न सिर्फ महिलाओं ने बल्कि पुरुषों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया और इसे अपनी नियमित सौंदर्य व्यवस्था में शामिल कर लिया। वर्तमान समय में इसका इस्तेमाल न सिर्फ शहरों में बल्कि गॉवों में भी बहुत बड़े स्तर पर हो रहा है। आज आईब्रो थ्रेडिंग न सिर्फ फैशन भर है बल्कि यह खुद के अनचाहे बालों से मुक्ति पाने का आसान जरिया भी है।[3]
आईब्रो थ्रेडिंग का तरीका :
संपादित करेंआईब्रो थ्रेडिंग एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है जो की सूती (कॉटन) पतले धागे की सहायता से की जाती है। इसमें आईब्रो के अनचाहे बालों को हटा कर एक साफ़-सुथरी और आकर्षक आईब्रो (भौंह) प्राप्त करने के लिए कुछ साधारण चरणों को पूरा किया जाता है जिसके बारे में आगे जानकारी दी जाएगी, परन्तु उससे पहले आईब्रो थ्रेडिंग में लगने वाले सामान की जानकारी प्राप्त करें।
आईब्रो थ्रेडिंग में लगने वाले सामान की सूची :
संपादित करें१. सूती धागा (कॉटन थ्रेड)
२. पतले दांतों वाला लैश कंघा (क्लीन लैश कॉम्ब)
३. छोटी कैंची (ग्रूमिंग सीजर्स)
४. रुई (कॉटन बॉल्स)
५. मॉइश्चराइज़र या एलोवेरा जेल
६. आईब्रो पेंसिल
७. टेलकम पाउडर
८. एस्ट्रिजेंट
९. बर्फ के टुकड़े (आइस क्यूब्स)
आईब्रो थ्रेडिंग करने के कुछ साधारण चरण :
संपादित करें१. आईब्रो थ्रेडिंग घर या पार्लर दोनों जगह की जा सकती है मगर इसके लिए ब्यूटिशियन या जो भी व्यक्ति इस तकनीक का इस्तेमाल कर के आईब्रो थ्रेडिंग कर रहा है उसके हाथों में आईब्रो थ्रेडिंग करने की प्रवीणता भी होनी चाहिए अन्यथा आपकी आईब्रो पर कट आ सकते हैं या आईब्रो का आकार भी बिगड़ सकता है। इसलिए किसी अच्छी ब्यूटिशियन से ही थ्रेडिंग करवानी चाहिए।
२. आईब्रो थ्रेडिंग करवाने से पहले ब्यूटिशियन आपकी (ग्राहक) स्किन टाइप, आपकी आईब्रो के आकार (शेप), तथा बालों की बनावट के बारे में बातचीत करते हैं। जिससे उनको आपकी आईब्रो के बारे में सटीक जानकारी मिलती है कि आप कैसी आईब्रो बनवाना चाहते हैं।
३. सबसे पहले ग्राहक को एक आरामदायक कुर्सी (चेयर) पर बैठा कर उसकी आईब्रो को साफ़ कर एस्ट्रिजेंट लगाया जाता है। उसके बाद ग्राहक से अपनी आखें बंद कर आईब्रो के पास की त्वचा को थोड़ा खींच कर पकड़ने को कहा जाता है ताकि जब ब्यूटिशियन थ्रेडिंग करे तो ग्राहक को कम दर्द हो और उसकी त्वचा पर कट भी न लगे।
४. अब ग्राहक की आईब्रो पर रुई की सहायता से थोड़ा पाऊडर लगाया जाता है ताकि जो बाल आईब्रो साफ़ करते वक़्त चिपक गए थे वो थोड़ा स्किन से ऊपर उठ जाये। ब्यूटिशियन पतले दाँतों वाले क्लीन लैश कंघे की सहायता से ग्राहक के बालों को ऊपर की तरफ सेट करती है जिससे अनचाहे बड़े बाल आईब्रोस की लाइन से ऊपर उठ जाये जिसे ब्यूटिशियन छोटी कैची की सहायता से कट कर के बराबर कर देती है।
५. अब ब्यूटिशियन आईब्रो पेंसिल से ग्राहक की आईब्रो पर निशान लगा कर ये सेट करती है कि कौन सा शेप आपको चाहिए ठीक वैसे ही पेंसिल की मदद से आईब्रो पर हलके निशान बनाती है। जिससे एक सटीक और आकर्षक आकार पाना और आसान हो जाता है।
६. अब ब्यूटिशियन सूती पतला एक लम्बा धागा लेती है। वह उसी को फोल्ड कर के एक गांठ लगा कर धागे के दोनों सिरों को जोड़ देती है। अब इसको दोनों हाथों से दोनों गोल सिरों को पकड़ कर ५ बार आपस में घुमाती है और फिर एक सिरे को बंद कर दूसरा सिरा अंगूठे की सहायता से खोलते और बंद करते हुए थ्रेड को चलाती जाती है और अनचाहे बालों की सतह के पास ले जा कर इसी प्रकार चलाते हुए उसमे बालों को फँसा कर ऊपर उठाती जाती है। जिससे वो सारे अनचाहे बाल बड़ी ही आसानी से त्वचा के बाहर निकल जाते हैं और परिणामस्वरूप ग्राहक की आईब्रो थ्रेडिंग हो जाती है।
७. आईब्रो थ्रेडिंग होने के बाद उस पर मॉइश्चराइज़र या एलोवेरा जेल का इस्तेमाल किया जाता है।
८. यदि आईब्रो थ्रेडिंग में ज्यादा दर्द होता है तो ब्यूटिशियन बर्फ के टुकड़े ग्राहक की आईब्रो पर रखने को देती है जिससे वहां की त्वचा (स्किन) सुन्न सी हो जाती है और दर्द का एहसास कम होता है।
९. आईब्रो थ्रेडिंग में लगभग १० से १५ मिनट का टाइम लगता है और यह कम से कम २ से ३ हफ्ते बड़ी ही आसानी से चल जाती है। इसकी कीमत की अगर बात करें तो यह न्यूनतम लगभग ३० रुपये से शुरूवात होती है।[4]
आईब्रो थ्रेडिंग के फायदे :
संपादित करें१. आईब्रो थ्रेडिंग से चेहरे की खूबसूरती में इजाफा होता है।
२. यह थ्रेडिंग काफी सस्ती होती है।
३. आईब्रो थ्रेडिंग संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए सर्वोत्तम होती है।
४. यह आईब्रो से अनचाहे बालों को हटाने का सबसे सरल तरीका है।
आईब्रो थ्रेडिंग के नुकसान :
संपादित करें१. इसको सावधानी से न किया जाये तो त्वचा पर कट लग सकता है।[5]
संदर्भ :
संपादित करें- ↑ "Eyebrow Threading: Cost, Upkeep, and How It Works". InStyle (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-02-08.
- ↑ "लुक को खास बनाती हैं आइब्रो, जानिए आपके लिए कौन सा स्टाइल रहेगा बेस्ट". MensXP. 2020-02-02. अभिगमन तिथि 2024-02-08.
- ↑ Beauty, Ziba (2016-11-14). "History of Eyebrow Threading | Threading of The Eyebrows". Ziba Beauty (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-02-08.
- ↑ "थ्रेडिंग करें - विकिहाउ". wikiHow. अभिगमन तिथि 2024-02-08.
- ↑ "थ्रेडिंग बनाम वैक्सिंग: आइब्रो ग्रूमिंग के लिए क्या बेहतर है और क्यों?". NewsBytes. अभिगमन तिथि 2024-02-08.