पेंसिल
पेंसिल लेखन या अंकन हेतु एक उपकरण है, जिसमें काष्ठ, धातु या प्लास्टिक के एक लम्बे पतले आवरण में संलग्न हुए ग्राफाइट या रंगद्रव्य का एक पतला क्रोड होता है।
पेंसिल कागज या अन्य सतह की एक पत्र के ऊपर चिपकने वाली ठोस क्रोड सामग्री के निशान को छोड़कर भौतिक घर्षण द्वारा छापती है। वे लेखनी से भिन्न होते हैं, जो चिह्नित सतह पर तरल या जेल स्याही फैलाते हैं।
अधिकांश पेंसिलों के क्रोड मृत्तिका बन्धक के साथ मिश्रित ग्राफाइट चूर्ण से बने होते हैं। ग्राफाइट पेंसिल धूसर या कृष्ण छाप उत्पन्न करते हैं जो आसानी से मिट जाते हैं, परन्तु आर्द्रता, अधिकांश रसायनों, पराबैंगनी विकिरण और प्राकृतिक वार्धक्य से प्रतिरोधी होते हैं। अन्य प्रकार के पेंसिल क्रोड, जैसे चार्कोल के, मुख्य रूप से अंकन और रेखांकन हेतु प्रयुक्त होते हैं। रंगीन पेंसिलों का प्रयोग कभी-कभी शिक्षकों या सम्पादकों द्वारा जमा किए गए पाठ को संशोधित करने के लिए किया जाता है, परन्तु सामान्यतः इसे कला आपूर्ति के रूप में माना जाता है, विशेष रूप से मोम-आधारित बन्धकों से बने क्रोडों के साथ जो रबर लगाने पर धुन्धला हो जाते हैं। ग्रीस पेंसिलों में एक नरम, तैलीय कोर होता है जो कांच या चीनी मिट्टी जैसी चिकनी सतहों पर छाप छोड़ सकते हैं।
प्रकार और संरचना
संपादित करेंकाष्ठ पेंसिल
संपादित करेंयान्त्रिक पेंसिल
संपादित करेंग्रेड
संपादित करेंछड़ चूर्णित ग्रेफाइट और चिकनी मिट्टी (मृत्तिका) के मिश्रण से बनती है। 9H या 10H तक के छड़ो (जो सबसे कठोर ग्रेड हैं) मे चिकनी मिट्टी कि मात्रा ग्रेफाइट से कई ज्यादा होती है। जैसे जैसे ग्रेड H के तरफ़ आती है, मिट्टी की मात्रा घटती जाती है और ग्रेफाइट की बढती जाती है। इसी तरह से 9B या 10B (अति मृदु) के छड़ों मे ग्रेफाइट कि मात्रा मिट्टी से कई ज्यादा होती है, और B मे कम होती है। HB पेंसिल मे दोनों कि मात्रा लगभग समान होती है।
- ग्रेडों के अनुसार पेंसिल विभिन्न प्रकार की हैंं।
(१) कठोर: 10H, 9H, 8H, 7H, 6H, 5H, 4H। इनसे हल्की धूसर रंग के रेखाएं बनती है। हल्की व महीन रेखाओं को खींचने के लिए कठोर ग्रेड की पेंसिलों को उपयोग में लाया जाता है।
(२) मध्यम: 3H, 2H, H, F, HB, B ।
(३) मृदु: 2B, 3B, 4B, 5B, 6B, 7B, 8B, 9B, 10B । इनसे काली रेखाएं बनती है। 10B पेंसिल से बनी रेखाएं अन्य मृदु ग्रेडों से अधिक कृष्णवर्णीय होती है।